उत्तराखण्ड
भीमताल डैम के जीर्णोद्धार में लापरवाही को लेकर स्थानीय समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ता गंभीर सवाल उठा रहे हैं,,
भीमताल डैम के जीर्णोद्धार में लापरवाही को लेकर स्थानीय समुदाय और सामाजिक कार्यकर्ता गंभीर सवाल उठा रहे हैं। डैम में आज भी कई बड़ी दरारें नजर आ रही हैं, जबकि शासन द्वारा संरक्षण और मरम्मत के लिए पहले से धनराशि मंजूर की गई थी।
समाजसेवी पूरन चंद्र बृजवासी के नेतृत्व में डैम की मरम्मत कार्यों के लिए बजट स्वीकृत हुआ था — इसमें दरारें भरना, निकासी गेटों की मरम्मत और बंद गेटों को चालू करना शामिल था, लेकिन कार्य की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन दरारों के चलते डैम की सुरक्षा को लेकर वैज्ञानिकों और स्थानीय लोगों में चिंता है।
यह डैम सिर्फ ऐतिहासिक धरोहर ही नहीं, बल्कि पर्यटन और पर्यावरण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। विभाग दावा कर रहा है कि मरम्मत का कार्य प्रगति पर है, लेकिन मौके पर अब भी दरारों की मौजूदगी विभाग के दावों पर सवाल उठाती है। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डैम के संरक्षण कार्य की एक विशेषज्ञ समिति से निगरानी कराने की भी मांग की है।
अगर समय रहते गुणवत्ता और सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, तो डैम की स्थिति और गंभीर हो सकती है, जिससे पर्यावरण, पर्यटन और स्थानीय आबादी को भी बड़ा ख़तरा





