उत्तराखण्ड
मानवेंद्र सिंह बिष्ट की साहित्यिक चमक, हल्द्वानी के युवा लेखक ने रचा इतिहास,,
हल्द्वानी के युवा लेखक मानवेंद्र सिंह बिष्ट, जिन्हें एम.के.एस. बिष्ट के नाम से जाना जाता है, ने अपनी लिखने की कला से पहचान बनाई है। वर्तमान में वे आर्यमन विक्रम बिड़ला संस्थान, हल्द्वानी में 12वीं कक्षा के छात्र हैं। उनका डेब्यू उपन्यास “द ऑक्सीजन काउंटडाउन” एक कल्प-विज्ञान थ्रिलर है, जिसे पाठकों द्वारा व्यापक सराहना मिली है। इस उपन्यास का भव्य विमोचन हल्द्वानी में किया गया, और वे अपनी पुस्तक की आय का 25 प्रतिशत समाज सेवा के लिए दान कर रहे हैं।मानवेंद्र ने सोशल मीडिया पर भी अपनी लोकप्रियता बनाई है, और वे TEDx में वक्ता के रूप में युवाओं को प्रेरित कर चुके हैं। वे MKS Entertainment, Dhaat संस्था, और Skillroom.in जैसी कई सामाजिक और शिक्षा-केंद्रित पहलों के संचालन में सक्रिय हैं। उनकी युवा प्रतिभा और समाज के प्रति जिम्मेदारी उन्हें साहित्य और सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में एक प्रेरणास्रोत बनाती है।हल्द्वानी लाइव ने भी उनकी उपलब्धियों पर बधाई दी है, जहां उन्होंने बताया कि कहानी लेखन की प्रेरणा उन्हें रुस्किन बॉन्ड और जय शेट्टी से मिली है। उनके पिता डॉ. मनीष बिष्ट, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, हल्दुचौड के निदेशक हैं। बचपन से ही मानवेंद्र का रुझान कला, कंप्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ओर रहा है, और वे भविष्य में अपना स्टार्टअप भी शुरू करना चाहते हैं।मानवेंद्र सिंह बिष्ट की कहानी युवाओं को यह संदेश देती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी उपलब्धि हल्द्वानी के सांस्कृतिक और साहित्यिक परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ रही है।














