उत्तराखण्ड
यूओयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर व्याख्यान
उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत ‘’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कार्यान्वयन और उत्तराखण्ड राज्य’’ विषय पर एक व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। व्याख्यान कार्यक्रम में यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ0 अभिचल कपूर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए, विशिष्ट वक्ता के रूप में कुमाऊं विश्वविद्यालय के नई शिक्षा नीति के नोडल अधिकारी प्रो0 संजय पंत मौजूद रहे। व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एसएसजे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एस. एस. विष्ट मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूओयू के कुलपति प्रो. ओ. पी. एस. नेगी ने की । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता डॉ. अभिचल कपूर ने अपने व्याख्यान देने से पूर्व उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय की सराहना की और कहा कि विश्वविद्यालय देश के अन्य राज्य मुक्त विश्वविद्यालयों के लिए एक प्रेरणा के रूप में साबित होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए डॉ. कपूर ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लेकर हम सभी सीखने की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि एनईपी को समझने के लिए हमें जी 20, 2023 को भी समझना होगा, क्योंकि वह हमारी राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वय के लिए सर्वप्रथम प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा के मध्य समन्वय स्थापित करना अनिवार्य है। 2035 तक जीईआर (कुल नामांकन प्रतिशत) को 50 प्रतिशत तक पहुंचाना होगा। इसके लिए एबीसी (एकैडमिक बैंक क्रेडिट) को बढ़ाना होगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को राज्य में पूर्ण रूप से कार्यान्वयन के लिए एक उद्देश्यपूर्ण लक्ष्य को लेकर कार्य करना होगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. एस. एस. विष्ट ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के वेहत्तर कार्यान्वयन और इसे धरातल पर फलिभूत हेतु शिक्षा के समग्र विकास को लेकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इसे आंगनवाडी से लेकर विश्वविद्यालय तक शुरू कर, समग्र शिक्षा के मध्य एक बेहत्तर समन्वय स्थापित करना हो कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यूओयू के विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. एस. नेगी ने कहा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय पूर्णत: प्रयासरत है, विश्वविद्यालय ने स्नातक स्तर पर इसे पूर्णत: लागू कर दिया है, और स्नातकोत्तर स्तर पर शुरू करने के लिए तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय यूजीसी द्वारा सीधे तौर पर मॉनिटर होता है। मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा के लिए यूजीसी द्वारा बनाए गए नियम/विनियमों को उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय में पूर्णत: लागू किए गए हैं।
विशिष्ट वक्ता के रूप में कुमाऊं विश्वविद्यालय के राज्य एनईपी नोडल अधिकारी व वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. संजय पंत ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर राज्य में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदम, योजनाओं व नीतियों के कार्यान्वयन को लेकर पॉवर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण दिया ।
विश्वविद्यालय के अकादमिक निदेशक व कुलसचिव प्रो. पी. डी. पंत ने सभी अतिथियों का स्वागत किया । कार्यक्रम संचालन व सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रो. जितेन्द्र पाण्डेय ने किया।
इस अवसर प्रो. रेनू प्रकाश, एसएसजे विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ0 डीएस विष्ट, डॉ0 मदम मोहन जोशी, डॉ. शशांक शुक्ल, डॉ0 आशुतोष भट्ट डॉ. राकेश रयाल, डॉ. मंजरी अग्रवाल, डॉ. घनश्याम जोशी, डॉ. अरविन्द भट्ट आदि शिक्षक मौजूद थे।