उत्तराखण्ड
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में जनजाति गौरव दिवस का भव्य आयोजन,,
हल्द्वानी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के एससी/एसटी प्रकोष्ठ एवं समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में टाउन हॉल कार्यक्रम के रूप में जनजाति गौरव दिवस का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में आदिवासी नायकों के योगदान, आदर्शों और जीवन मूल्यों के प्रति जनजागरण फैलाना और भावी पीढ़ियों को उनकी त्यागमयी परंपरा से प्रेरणा देना रहा।विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी, मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. कल्याण सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। अतिथियों का स्वागत प्रो. पी. डी. पन्त, निदेशक, अकादमिक एवं अध्यक्ष समान अवसर प्रकोष्ठ ने किया।प्रो. पन्त ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव और उनके संघर्षों को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने बताया कि जनजातीय समाज की संस्कृति, लोककला और परंपराएं हमारी सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।प्रो. रेनू प्रकाश, निदेशक समाज विज्ञान विद्याशाखा, ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह दिवस जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों, विशेषकर बिरसा मुंडा की विरासत के सम्मान और जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रतीक है।विशिष्ट अतिथि आभा गर्खाल, वित्त नियंत्रक जी.बी. पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर ने कहा कि जनजातीय समाज भारतीय संस्कृति का अभिनंदन है और सदैव प्रकृति पूजक रहा है।मुख्य अतिथि डॉ. कल्याण सिंह रावत ने अपने वक्तव्य में कहा कि जनजातीय समाज प्रकृति के संरक्षण का आधार है, अतः उनके पारंपरिक ज्ञान और आजीविका सुधार के प्रयासों को सुदृढ़ करना आवश्यक है। उन्होंने इस दिवस को भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बताया।अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस भारत की जनजातीय परंपराओं, संस्कृति और नायकों के योगदान को सम्मानित करने वाला राष्ट्रीय उत्सव है।धन्यवाद ज्ञापन प्रो. पी. के. सहगल, निदेशक विज्ञान विद्याशाखा एवं नोडल अधिकारी एससी/एसटी प्रकोष्ठ ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नागेंद्र गंगोला ने किया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी निदेशकगण, प्राध्यापक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रमुख उपस्थित लोगों में प्रो. डिगर सिंह, डॉ. ज्योति रानी, डॉ. राजेन्द्र क्वीरा, डॉ. गोपाल सिंह गौनिया, डॉ. नीरज कुमार जोशी, श्रीमती शैलजा, डॉ. किशोर कुमार, श्रीमती भावना धौनी, डॉ. नमिता वर्मा, डॉ. द्विजेश उपाध्याय, श्री तरुण नेगी, श्री राजेश आर्या, श्री मोहित, विभु काण्डपपाल, श्री हरीश गोयल, श्रीमती सुनीता भाष्कर, रेनू भट्ट व ज्योति शर्मा सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।














