उत्तराखण्ड
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में छठे अमर उजाला-ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुंभ का किया शुभारंभ,,
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने रविवार को ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में छठे अमर उजाला-ग्राफिक एरा ज्योतिष महाकुंभ का शुभारंभ किया। इस दो दिवसीय ज्योतिष महाकुंभ में देश भर के नामी ज्योतिषाचार्य प्रतिभाग कर रहें है। महाकुंभ में प्रसिद्व ज्योतिष दो दिन निःशुल्क परामर्श के लिए उपलब्ध रहेंगे।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे ज्योतिष विद्वानों का देवभूमि में स्वागत करते हुए भव्य आयोजन के लिए आयोजकों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ज्योतिष शास्त्र की लंबी परंपरा और गौरवशाली इतिहास रहा है। विगत कई वर्षों से उत्तराखण्ड की धरती से भारत में ज्योतिष के प्रचार-प्रसार के लिए यह ज्योतिष महाकुंभ अनूठा कार्य है। हमारे प्राचीन ज्योतिष अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए इस प्रकार के आयोजन नितांत जरूरी हैं।
उन्होंने कहा कि ज्योतिष ऐसा विज्ञान है जिसके माध्यम से संसार में समरसता दी जा सकती है। ज्योतिष शास्त्र में सभी समस्याओं का समाधान निहित है। पर्यावरण से लेकर समाज सुधार तक का काम ज्योतिष शास्त्र से किया जा सकता है। उन्होंने आग्रह किया कि समाज हित के लिए ज्योतिष विज्ञान के जरिए सार्थक प्रयास किए जाएं।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की यह धरती ज्ञान की भूमि है, कर्म की भूमि है, उपासना की भूमि है, लौकिक और अलौकिक विद्याओं और रहस्यों को उजागर करने वाली भूमि है, हमारे ऋषि-मुनियों ने ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में अनेक अनुसंधान एवं महान आविष्कार किए हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि अपना प्राचीन ज्ञान-विज्ञान, गौरवशाली बौद्धिक विरासत नई पीढ़ी तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि हम सभी को आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के साथ हमारे ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम’ को समझने के लिए भी अवसर निकालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मेडिकल साइंस की तरह ज्योतिष भी एक विज्ञान है बस इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाज के सामने लाना जरूरी है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय पटल पर इस विज्ञान को सामने लाने की जरूरत है। राज्यपाल ने कहा कि आप इस कार्य को कर्तव्यनिष्ठा से करते हुए देश में इस प्राचीन ज्ञान को सहेजकर रखने के साथ ही इसको जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करेंगे ताकि अपने गौरवशाली प्राचीन ज्ञान के भंडार को और संवर्धित किया जा सके।
Lt Gen Gurmit Singh