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उत्तराखण्ड

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने हरिद्वार में अखिल विश्व गायत्री परिवार के शताब्दी समारोह को किया संबोधित,,

पवनीत सिंह बिंद्रा

हरिद्वार में आज आयोजित अखिल विश्व गायत्री परिवार के शताब्दी समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने समारोह में अखिल विश्व गायत्री परिवार और देव संस्कृति विश्वविद्यालय की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसे आधुनिक गुरुकुल बताया जहां शिक्षा को साधना माना जाता है।राज्यपाल ने हरिद्वार की तपोभूमि और मां गंगा की गोद को संकल्प, साधना और लोक कल्याण के ऊर्जा स्रोत के रूप में विशेष महत्व दिया। उन्होंने डॉ. चिन्मय पंड्या के नेतृत्व को समाज को अध्यात्म और आधुनिकता के बेहतरीन सम्मिलन द्वारा नई दिशा देने वाला बताया। राष्ट्रपति ने कहा कि अखंड ज्योति केवल दीप नहीं बल्कि अखंड भारत की भावना और धर्म-जागरण की चेतना का प्रतीक है। यह सत्य, नैतिकता और एकता का संदेश देती है।उन्होंने गायत्री परिवार की सेवा-केन्द्रित कार्यशैली को हरिद्वार और उत्तराखंड के लिए आदर्श माना तथा संस्था द्वारा समाज में नैतिक उन्नयन, सेवा और स्वच्छता की सांस्कृतिक वृद्धि को राष्ट्र-निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान बताया। राज्यपाल ने स्वयंसेवकों की निष्ठा, अनुशासन और कार्य-भावना की भी विशेष प्रशंसा की।समारोह के अध्यक्ष जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम जी महाराज ने गुरु-शिष्य परंपरा को भारतीय संस्कृति की जड़ बताया। उन्होंने गुरु को जीवन को आकार देने वाला सहारा और माता-पिता, गुरु एवं ईश्वर को सनातन संस्कृति की एक धारा करार दिया।डॉ. चिन्मय पंड्या ने शताब्दी वर्ष को विश्व समुदाय के लिए सौभाग्यशाली त्रिवेणी संगम बताया और वंदनीय माताजी को नारी जागरण और स्वाभिमान की प्रेरक शक्ति के रूप में याद किया, जिन्होंने नारी को परिवार और समाज का आधार माना।

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