उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड के जंगलों की आग से निपटने में सरकार विफल: बल्यूटिया
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दीपक बलूटिया ने कहा कि सरकार इन जंगल की आग बुझाने के नाम पर नोडल अधिकारी बनाना महज खानापूर्ति: का झुजूना हैं। जंगल की आग बुझाने में नाकाम रही है हर साल इन जंगलों में आग लगने से करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है लेकिन सरकारें सिर्फ बयान देकर ही अपनी राजनिति करने में मशगूल रही है,,इस दौरान
प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बयान जारी कर कहा कि उत्तराखण्ड के जंगल भीषण आग की चपेट में हैं मगर सरकार के पास जंगल की आग बुझाने के प्रबंधन के कोई भी इंतजाम नहीं हैं। प्रत्येक वर्ष गर्मी के मौसम में उत्तराखण्ड के जंगल आग की वजह से तबाह हो रहे हैं जबकि सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है महज खाना पूर्ति और गुड वर्क दिखाने के लिए नोडल अधिकारी बना कर खानापूर्ति की जा रही है। जंगल की आग से निपटने के लिए सरकार के पास कोई प्रबंधन नहीं है और ना ही जंगल की आग बुझाने के उपयुक्त उपकरण हैं।
बल्यूटिया ने कहा उत्तराखण्ड में 67 प्रतिशत जंगल हैं जो वैश्विक पर्यावरण के संतुलन के साथ- साथ उत्तराखण्ड के पर्यटन में भी अहम भूमिका निभाते हैं जिससे यहाँ के लोगो को रोजगार का भी लाभ होता है। ऐसे संवेदनशील विषय पर सरकार का कोई दृष्टिकोण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
बल्यूटिया ने कहा उत्तराखण्ड के जंगलों की शुद्ध हवा व पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटन के माध्यम से उत्तराखण्ड की आय व रोजगार से जोड़ उत्तराखण्ड को देश दुनिया में एक नई पहचान मिल सकती है मगर सरकार तो खनन और आबकारी से ही फुर्सत नहीं मिलना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।