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उत्तराखण्ड

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र की गौरवपूर्ण प्रगति, अब ड्रोन से खेती को बढ़ावा मिल रहा: सुरेश भट्ट

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र की गौरवपूर्ण प्रगति, अब ड्रोन से खेती को बढ़ावा मिल रहा: सुरेश भट्ट

काशीपुर में आयोजित प्रदेश प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन और प्रथम सत्र में ‘मोदी सरकार के कृषि क्षेत्र में उपलब्धियां’ के विषय पर प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट कहा कि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में देश विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है। वहीं कृषि क्षेत्र पर विचार करें तो भारतीय कृषि की स्थिति और भी ज्यादा गौरवांवित करने वाली है।

कृषि अनुसंधान और किसान कल्याण के क्षेत्र में मोदी सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालते हुए सुरेश भट्ट ने किसानों के लाभ और विभिन्न हितधारकों के लिए रोजगार सृजन हेतु ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया और बताया कि सरकार ने ड्रोन पॉलिसी घोषित कर दी है। यह कृषि क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी है। इससे किसानों को बहुत बचत होगी। मोदी सरकार ने ड्रोन संबंधी प्रशिक्षण देने के लिए शत-प्रतिशत सहायता-अनुदान देने का निर्णय लिया है।

उन्होंने ने कहा कि छोटे किसानों को परेशानी से बचाते हुए उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से 10 हजार नए एफपीओ बनाने की योजना लागू की है, जिस पर सरकार 6,865 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। साथ ही, 1 लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि दलहन-तिलहन व आयल पाम मिशन के माध्यम से सरकार बड़े पैमाने पर किसानों, वैज्ञानिकों व राज्य सरकारों के सहयोग से काम कर रही है, जिसके अच्छे परिणाम भी परिलक्षित हो रहे हैं। सुरेश भट्ट ने कहा कि कृषि हमारे देश का मुख्य आधार है, कृषि क्षेत्र मजबूत रहेगा तो देश मजबूत रहेगा। कृषि में ज्ञान-विज्ञान सहित विविध पहलुओं का ध्यान मोदी सरकार पिछले 8 सालों में महत्वपूर्ण फैसले लिया है।

उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का बजट आवंटन लगातार बढ़ा है। वर्तमान वित्त वर्ष में कृषि बजट का आवंटन लगभग 1.32 लाख करोड़ रुपये है। पिछले 8 वर्षों में कृषि संबंधी बजट आवंटन में लगभग 6 गुना तक की वृद्धि हुई है। कृषि क्षेत्र में हो रही विकास यात्रा यहीं पर समाप्त नहीं होती है, आवंटन के साथ-साथ रिकॉर्ड खाद्यान्न एवं बागवानी फसलों का भी रिकॉर्ड उत्पादन सरकार के बजट आवंटन का सही दिशा में खर्च होने का प्रमाण है। वर्ष 2021-22 में तृतीय अग्रिम अनुमान के अनुसार, लगभग 315 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन अनुमानित है, वहीं बागवानी क्षेत्र का उत्पादन भी 334 मिलियन टन अनुमानित है, जो अब तक का सर्वाधिक है।

सुरेश भट्ट ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के जीविकोपार्जन के साथ-साथ उनकी बेहतर आय को ध्यान में रखते हुए खरीफ, रबी व अन्य वाणिज्यिक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि की है। इसी का परिणाम रहा है कि वर्ष 2013-14 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य जो 1310 रुपये प्रति क्विंटल था, वह 2021-22 में बढ़कर रु. 1940 प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है। इसी प्रकार, वर्ष 2013-14 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 रु. प्रति क्विंटल था, जो अब 2015 रु. प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है।

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