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उत्तराखण्ड

सरकारी ज़मीन पर धोखाधड़ी का पर्दाफाश, हल्द्वानी की वरिष्ठ नागरिक को न्याय की उम्मीद।,

हल्द्वानी, नैनीताल

हल्द्वानी निवासी एक वरिष्ठ नागरिक के साथ हुई धोखाधड़ी का मामला प्रशासन की तत्परता और सटीक कार्रवाई के बाद अब सामने आया है। इस मामले में प्रशासन ने बड़ी सूझबूझ और निष्पक्षता से मामले की गहन जांच की, जिससे नागरिक को न्याय की उम्मीद जगी है।

वर्ष 2019 में, हल्द्वानी निवासी एक महिला वरिष्ठ नागरिक ने तहसील धारी के ग्राम बना में स्थित ज़मीन को खरीदने के लिए देवेंद्र बिष्ट और प्रॉपर्टी ब्रोकर डॉ. एस. के. बिस्वास से लेन-देन किया था। लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि उन्हें असली ज़मीन के बजाय सरकारी ज़मीन पर कब्जा दे दिया गया था, जो एन०जेड०ए खाता संख्या-58 में दर्ज थी।

शिकायतकर्ता ने खसरा नंबर 1686, 1687 और 1688 की भूमि का बैनामा कराया था, लेकिन मौके पर उन्हें खसरा नंबर 1698 पर कब्जा दे दिया गया, जो सरकारी ज़मीन थी। विक्रेता और ब्रोकर ने जानबूझकर यह धोखाधड़ी की, जिससे वरिष्ठ नागरिक को मानसिक और आर्थिक नुकसान हुआ।

यह पूरी जांच एसडीएम धारी श्री के.एन. गोस्वामी के निर्देश पर की गई थी, और प्रशासन ने बड़ी गंभीरता से मामले को सुलझाया। राजस्व निरीक्षक ने विक्रेता से पूछताछ की, जिसमें उसने यह स्वीकार किया कि वह और उसके पूर्वज कई वर्षों से उक्त सरकारी भूमि पर खेती कर रहे थे।

प्रशासन ने विक्रेता को नोटिस जारी किया और मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी है।

यह मामला प्रशासन की ईमानदारी, पारदर्शिता और तत्परता का उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि वे नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। प्रशासन के द्वारा की गई सटीक और निष्पक्ष जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार की संपत्तियों के गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी को लेकर प्रशासन का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है।

यह उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन अपनी जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए इस मामले में जल्द ही और ठोस कदम उठाएगा, ताकि इस प्रकार के अपराधिक कृत्य में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

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