उत्तराखण्ड
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल का बयान, कांग्रेस सरकार बनी तो लागू होगी पुरानी पेंशन योजना
देहरादून:- चुनाव मैदान में उम्मीदवार उतारने के बाद अब सियासी दलों की ओर से चुनावी वायदों की बयार बहने लगी है। सत्ता हासिल करने को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा कई लोक लुभावने वायदे किये जा रहे है। पूर्व स्पीकर व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने पुरानी पेंशन की बहाली का ऐलान कर एक बड़ा राजनीतिक दांव चल दिया है। ऐसा करके उन्होंने कर्मचारियों और शिक्षकों का दिल जीतने का प्रयास किया है।
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तराखंड में अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को दोबारा बहाल करने का पूरा प्रयास करेंगे। साथ ही कुंजवाल ने कहा कि पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था। इसी को उत्तराखंड में भी लागू कर दिया गया। लेकिन अब कई राज्यों ने इस पर छूट दी है। उन्होंने कहा कि अगर 2022 में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाएगा।
बताते चले कि पुरानी पेंशन योजना को लेकर अधिकारी कर्मचारी लंबे समय से संघर्षरत है। यही नहीं, कर्मचारियों का कहना है कि इस बार वह उन्हीं को वोट देंगे, जो पुरानी पेंशन को बहाल करेगा। जिसको लेकर इन दिनों सोशल मीडिया में भी कर्मचारियों का कैम्पैन जोर शोर से चल रहा है।
क्या है पुरानी पेंशन योजना
केंद्र सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद के नियुक्तियों के लिए पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था और नई पेंशन योजना लागू की गई है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में यह फैसला लिया गया था। तब उत्तराखंड में एन डी तिवारी की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। पिछले कुछ सालों से कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध करना शुरू कर दिया।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (NOPRUF) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ० डी० सी० पसबोला, प्रान्तीय महासचिव सीताराम पोखरियाल सहित समस्त एनपीएस कार्मिकों ने पूर्व स्पीकर व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल की पुरानी पेंशन की बहाली के ऐलान का स्वागत किया है एवं अन्य राजनीतिक दलों से भी पुरानी पेंशन बहाली के सम्बन्ध में सहयोग देने की अपील की है।