उत्तराखण्ड
बेस अस्पताल की अव्यवस्था को देख कर विफरे आयुक्त दीपक रावत,
हल्द्वानी ,,आयुक्त ने सोबन सिंह जीना बेस अस्पताल का निरीक्षण किया, अव्यवस्थाओं पर जताई कड़ी नाराजगी आयुक्त/सचिव मा0 मुख्यमंत्री दीपक रावत ने शनिवार अपराह्न सोबन सिंह जीना बेस चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में अव्यवस्थाएं देख उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और सीएमएस डॉ. के.के. पांडे से स्पष्टीकरण तलब किया।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त को शिकायत मिली कि बाल रोग विभाग के बेड पर बड़ी संख्या में कॉकरोच देखे गए। जांच में यह शिकायत सही पाई गई, जिससे आयुक्त ने गंभीर असंतोष व्यक्त किया।
जब आयुक्त ने सीएमएस से इस स्थिति का कारण पूछा, तो उन्होंने बताया कि 1 मार्च से ही अस्पताल में कॉकरोच होने की जानकारी थी, लेकिन इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही, जिन दवाओं का उपयोग किया जा रहा था, वे प्रभावी नहीं थीं, और उनकी खरीद के उचित बिल भी उपलब्ध नहीं थे। इस लापरवाही पर आयुक्त ने सीएमएस को जिम्मेदार ठहराते हुए स्पष्टीकरण तलब किया और स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोहराए जाने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, अस्पताल के शौचालयों में भी गंदगी पाई गई, जिस पर उन्होंने तत्काल सफाई कराने के निर्देश दिए और स्वच्छता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया।
आयुक्त ने कहा कि यह एक अत्यंत गंभीर मामला है और इसे पूरी सख्ती और संवेदनशीलता के साथ लिया जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि चिकित्सालय के सभी वार्डों की साफ-सफाई और व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक रहता है, इसलिए सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने अस्पताल कर्मचारियों की यूनिफॉर्म के लिए धनराशि स्थानांतरण से जुड़ी समस्याओं को भी सुना और प्रशासन को शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए।
आयुक्त ने कुमाऊं मंडल के सभी अस्पतालों को भी निर्देश जारी किए कि भविष्य में इस तरह की किसी भी लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिलना चाहिए और उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अस्पताल प्रबंधन को सख्त चेतावनी देते हुए आयुक्त ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोबारा पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

