उत्तराखण्ड
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के सामने जवाहर नगर कॉलोनी में अमृत योजना अंतर्गत अतिक्रमण विरोध प्रदर्शन,
हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के सामने जवाहर नगर कॉलोनी में रेलवे पुलिस अतिक्रमण की नापतोल कर रही थी। इसी दौरान क्षेत्रीय लोगों से सूचना मिलने पर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने लाल निशान लगाने का विरोध किया और निशान लगाने वालों को ऐसा करने से रोका। रेलवे ने इस क्षेत्र में एक मंदिर और एक मस्जिद पर भी निशान लगा दिए हैं।
स्थानीय लोगों में अपने आशियाने टूटने के भय के कारण दहशत और गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि वे 50 वर्षों से यहां रह रहे हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी उनके मकान बने हुए हैं। वे सवाल उठा रहे हैं कि अगर वे अतिक्रमणकारी हैं तो सरकार ने उन्हें योजना का लाभ क्यों दिया। साथ ही, वे कहना चाहते हैं कि अगर यह जगह उजाड़नी थी तो बसने क्यों दिया गया।
यह विरोध इतना तेज है कि लोगों ने एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इस मौके पर मोहम्मद अबरार, अफसर मलिक, राम कुमार, राजू राजभर, मोहम्मद नौशाद, ज़ायरा, रेशमा, बबिता, माया देवी, राम बाबू, मुन्नी देवी, बहादुर, गोविन्द राव, गोविन्द बिष्ट, मोहन, खलील अहमद, समुन्दर खान, मोबीन, सिराज अहमद, नफीस अहमद, खान जीतराम, जीवन आर्य, हरीश लोधी, फ़िरोज़ खान, नवीन मूलनिवासी, संजय टम्टा, महेश आर्य समेत कई अन्य उपस्थित थे।
अधिकारियों के अनुसार, अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशन के आस-पास रेलवे भूमि से हुए अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाया जाएगा। जिले के प्रशासन ने रेलवे के अनुरोध पर 90 से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए हैं और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। अतिक्रमण हटाने के लिए समयबद्ध कार्रवाई होगी।
रेलवे विस्तार के लिए यह कदम आवश्यक है, लेकिन स्थानीय लोगों के बीच उत्पन्न जो विषमता और विवाद है, उससे वहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने संयुक्त टीमों का गठन कर अतिक्रमण की पहचान, सीमांकन, और संबंधित कानूनी कार्रवाई करने की योजना बनाई है।
यह परिस्थिति हल्द्वानी में रेलवे विस्तार के दौरान मानवीय और कानूनी दोनों पक्षों की चुनौतियों को उजागर करती है और स्थानीय लोगों के लिए भविष्य में अपने निवास के सुरक्षित रहने की चिंता का कारण बनी है।
यह खबर क्षेत्रीय गंभीर विवाद के तौर पर उभर रही है, जिसमें प्रशासन और स्थानीय जनता के बीच समाधान की जरूरत है।





