उत्तराखण्ड
सनातन धर्म की महिमा को न समझने के कारण युवक युवतियां विधर्मियों में हो रहे आकर्षित: जगद्गुरु वसंत विजयानंद गिरि जी महाराज,
पवनीत सिंह बिंद्रा
हल्द्वानी। एम बी इंटर कॉलेज में श्रीदेवी भागवत महापुराण कथा यज्ञ पूजा महोत्सव में संतश्रीजी के चमत्कारी दृष्टिपात से भक्तों को मिल रहे सिक्के, सुपारी नोट, मिट रहा शारीरिक दर्द
पूर्व सांसद एडवोकेट डॉ महेंद्रसिंह पाल सहित अनेक गणमान्य लोगों ने शिरकत कर पूज्यपाद जगद्गुरु का लिया आशीर्वाद
संगीतमय भजनों पर गूंज रही तालियां, लग रहे जगद्गुरु के जयकारे
हल्द्वानी। हम जिस सनातन, परंपरा, संस्कृति व संस्कार में जन्मे है उसका सदैव सम्मान करना चाहिए। वर्तमान दौर में सनातन धर्म की विशाल महिमा को न समझने के कारण आज के युवक युवतियां विधर्मियों में आकर्षित हो रहे हैं। यह कहा परमहंस परिव्राजकाचार्य अनन्त श्री विभूषित कृष्णगिरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु 1008 परम पूज्यपाद श्री वसन्त विजयानन्द गिरी जी महाराज ने। वे यहां एमबीपीजी कॉलेज ग्राउंड में 14 दिवसीय श्रीदेवी भागवत महापुराण कथा यज्ञ पूजा महोत्सव में अपने सद्विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस ब्रह्मांड में ना आकाश बड़ा है, ना पृथ्वी बड़ी है। सनातन धर्म सर्वथा बड़ा है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के सिद्धांत इतने विशाल और व्यापक है जो अनेक युगों तक संतों के मुखारविंद से कथाओं के माध्यम से विश्लेषण के रूप में उभरते रहेंगे। गुरु की वाणी को मंत्रों का मूल बताते हुए उन्होंने बताया कि व्यक्ति के पुण्य का उदय अथवा प्रबंध होने पर ही संतों की वाणी के श्रवण का शुभ अवसर मिलता है।जगत जननी राजराजेश्वरी धनदेश्वरी कृष्णगिरी वाली देवी मां पद्मावती को श्रद्धा और विश्वास का रूप बताया। साथ ही पूज्यपाद जगद्गुरु श्री वसंत विजयानंद गिरि जी ने कहा कि व्यक्ति के दुख या रोग लाख प्रकार के हो सकते हैं, मगर इलाज एक मात्र मां भगवती का नाम ही है। उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को मां को प्रसन्न करने वाले अतिदिव्य एवं सिद्ध ओम श्री मात्रे नमः अचूक मंत्र का विशेष रूप से सामूहिक जाप कराते हुए मंत्र शिरोमणि भक्त वत्सल विद्या सागर गुरुदेवश्रीजी ने यह भी कहा कि दृढ़ विश्वास और सकारात्मक सोच तथा दुर्विकारों को त्याग कर सत्य विचारों से आगे बढ़ने वाला व्यक्ति इस यूनिवर्स की अनंत खुशियों भरे खजाने को आकर्षित कर सुखी व समृद्धिशाली बन सकता है। इस दौरान सिद्ध साधक संतश्री वसंत विजयानंद गिरि जी ने दैवीय शक्ति का एहसास कराते हुए उपस्थित श्रद्धालुओं के खाली जेब, पर्स में सिक्के ₹5, ₹10 के तथा 20 रुपए के नोट, सुपारी, इलायची, कुमकुम जैसी अनेक पूजनीय चीजें भी चमत्कारी दृष्टिपात के माध्यम से उपलब्ध कराई तथा अनेक लोगों के वर्षों से पीड़ित शारीरिक दुख दर्द को समाप्त किया। उन्होंने कहा इस ब्रह्मांड में दिव्य शक्ति का एहसास सिद्ध साधक संत ही कर सकते हैं, जो कि पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास रखने पर ही भक्तों के लिए संभव है। इससे पूर्व सुबह के सत्र में पूज्यपाद जगद्गुरु के निर्देशन में जाप, अनुष्ठान, पूजा, आराधना तथा शाम को सर्व देवी देवताओं की प्रसन्नता के लिए शास्त्रोक्त महायज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आहुतियां दी गई। श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम कृष्णगिरी तमिलनाडु के हल्द्वानी चैप्टर के प्रमुख हेमंत पांडे ने बताया कि सोमवार को पूज्यपाद जगद्गुरु के दर्शन वंदन के लिए ओस्कॉट राज परिवार के सदस्य, उत्तराखंड राज्य बार कौंसिल के अध्यक्ष तथा कांग्रेस पार्टी के पूर्व सांसद डॉ महेंद्रसिंह पाल, हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामसिंह बसेड़ा, वरिष्ठ एडवोकेट सुरेश परिहार व हाईकोर्ट नैनीताल के एडवोकेट लालसिंह पहुंचे। डॉ पाल का माल्यार्पण, शाल्यार्पण एवं मेमेंटो भेंटकर स्वागत सत्कार किया गया। पांडे ने बताया कि संगीतमय भजनों की प्रस्तुतियों पर श्रद्धालुओं ने तालियों की गूंज के साथ पूज्य गुरुदेव के जयकारे लगाए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर एवं आस्था पर लाइव प्रसारित किया गया। इस दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं में हेमंत पांडे के साथ प्रमोद पांडे, पंकज पांडे, नरेश साजवानी, विजय चौधरी, डॉ मंजुल कांडपाल, महेश खुल्बे, रमेश कांडपाल, संदीप बिनवाल आदि का सहयोग रहा।

