उत्तराखण्ड
• भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है : पुरुषोत्तम शर्मा
• भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है : पुरुषोत्तम शर्मा
• बिन्दुखत्ता की जनता आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को राजस्व गाँव पर की गई वादाखिलाफी का करारा जवाब देगी : बहादुर सिंह जंगी
• भाजपा सरकार की ताबड़तोड़ चुनावी घोषणाओं के बीच बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव पर चुप्पी क्यों? भाजपा सरकार जवाब दो!
• बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग पर ‘माले’ का एकदिवसीय धरना
• किसानों के 27 सितंबर को होने जा रहे भारत बंद को समर्थन
उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार और लालकुआं विधायक द्वारा बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव के सवाल पर जनता से की गई वादाखिलाफी के विरुद्ध भाकपा (माले) द्वारा शहीद स्मारक, कार रोड, लालकुआं पर धरना दिया गया। धरने के माध्यम से बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव का प्रस्ताव उत्तराखण्ड राज्य विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को भेजने का प्राथमिक कार्य पूरा कर राजस्व गाँव बनाये जाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग उठायी गई। धरने में तीन काले कृषि कानूनों की वापसी को लेकर घोषित किसानों के 27 सितंबर को होने जा रहे ‘भारत बंद’ को समर्थन देने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। धरने के माध्यम से चेतावनी दी गई कि अब भी अगर बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव का प्रस्ताव उत्तराखण्ड की विधानसभा से पारित कर केंद्र सरकार को न भेजा गया तो माले पूरे क्षेत्र में इस सरकार और क्षेत्रीय विधायक के खिलाफ जनअभियान चलाते हुए आंदोलन को तेज करेगी।
धरने को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि, “भाजपा सरकार किसान विरोधी सरकार है और खेती में कंपनी राज लाना चाहती है। इसलिए भाजपा बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव से लेकर किसानों के हर सवाल पर बेरुखी अपनाये हुए है। खेत, खेती और किसानों के खिलाफ बनाये गए तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दस महीने से दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अपना किसान विरोधी रवैया छोड़ने को तैयार नहीं है।” उन्होंने सभी से संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत 27 सितंबर के भारत बन्द को सफल बनाने की अपील की।
भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि, “विधानसभा चुनाव 2017 में भाजपा और लालकुआं से उनके विधायक उम्मीदवार श्री नवीन दुम्का ने भाजपा की डबल इंजन सरकार बनने पर बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का वादा यहाँ की जनता से किया था। इसी मुद्दे पर मिले प्रचंड बहुमत से विधायक बनने के बाद उन्होंने और उनकी भाजपा सरकार ने न सिर्फ राजस्व गाँव पर वादाखिलाफी की बल्कि इस सवाल को ही दरकिनार कर दिया है। भाजपा ने ऐसा क्यों किया और बिन्दुखत्ता को राजस्व गाँव बनाने के वादे का क्या हुआ? डबल इंजन भाजपा सरकार को इस बात का जवाब जनता को देना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि, “भाजपा सरकार चुनाव से पहले ताबड़तोड़ चुनावी घोषणाएं कर रही है लेकिन सरकार के मुखिया से लेकर विधायक तक बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव पर शर्मनाक चुप्पी साधे हुए हैं। बिन्दुखत्ता की जनता आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को इस वादाखिलाफी का करारा जवाब देगी।”
माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “लालकुआं विधायक अपने वादे के अनुसार बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव बनाने में असफल रहे, साथ ही गौला तटबंध, सेंचुरी मिल प्रदूषण, रोजगार, बिजली पोल, पानी की समस्या, कृषि उपज का उचित दाम, सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन से लेकर छोटे बड़े मामलों में कुछ भी कर पाने में असफलता उनके रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है। कुल मिलाकर यहां के विधायक का रिपोर्ट कार्ड उनको जनता की कसौटी पर फेल साबित कर रहा है। जनता के एक भी सवाल को वह पूरे कार्यकाल में विधानसभा में ढंग से रख तक नहीं पाये, तब वे किस बात के विधायक हैं और किस आधार पर पुनः विधायक बनने का दावा कर रहे हैं। ‘बिना कुछ किये समय काटने वाले अपने कार्यकाल’ के लिए उनको सार्वजनिक मंच से जनता से माफी मांगनी चाहिए।”
धरना प्रदर्शन में पुरुषोत्तम शर्मा, बहादुर सिंह जंगी, डॉ कैलाश पाण्डेय, भुवन जोशी, विमला रौथाण, ललित मटियाली, बसंती बिष्ट, गोविंद सिंह जीना, नैन सिंह कोरंगा, किशन बघरी, कमलापति जोशी, चंदन राम, पुष्कर दुबड़िया, बिशन दत्त जोशी, गोपाल गड़िया, चंद्रशेखर जोशी, एन डी जोशी, धीरज कुमार,कमल जोशी, हरीश राम टम्टा, सुरमा देवी, ललित जोशी, किशन सिंह जग्गी, हरीश भंडारी, राजेन्द्र शाह, आनन्द सिंह दानू, धर्म सिंह अधिकारी, त्रिलोक राम, निर्मला शाही, खीम वर्मा, पनीराम,राधा देवी, शिव सिंह, चंद्रशेखर पाठक, लक्ष्मण सिंह, हीरा, अशोक मेहता आदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। धरने पर हुई सभा का संचालन माले के बिन्दुखत्ता सचिव ललित मटियाली ने किया।