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उत्तराखण्ड

अजय भट्ट ने प्रमुख सचिव से फोन पर वार्ता कर बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए,

पवनीत सिंह बिंद्रा

बिंदुखता,,, आज बिंदुखत्ता के निवासियों की लंबे समय से लंबित मांग को लेकर वन अधिकार समिति ने सांसद एवं पूर्व केंद्रीय रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में वनाधिकार कानून (FRA) के तहत बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग की गई। इस पर सांसद अजय भट्ट ने तत्परता दिखाते हुए प्रमुख सचिव राजस्व श्री सुरेंद्र नारायण पांडे को फोन कर शीघ्र अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए।

सांसद अजय भट्ट ने कहा कि इस मामले को उन्होंने 2019 में संसद में उठाया था, जिसके बाद यह प्रक्रिया आगे बढ़ी। उन्होंने प्रमुख सचिव से स्पष्ट रूप से कहा कि जिला स्तरीय समिति (DLC) और डीएफओ की सहमति मिलने के बाद अब इस विषय में किसी भी प्रकार की देरी अनुचित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि FRA की धारा 6(6) के अनुसार DLC का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होता है, इसलिए अधिसूचना जारी करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। उन्होंने सचिव को ये भी बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री की घोषणा भी लंबित है।

सांसद ने मौके पर ही अपनी ओर से पत्र तैयार कर उसे शासन को व्हाट्सऐप के माध्यम से भेजा और उसकी एक प्रति वन अधिकार समिति को भी सौंपी।

वन अधिकार समिति ने अपने ज्ञापन में कहा कि 1932 से पहले बसे इस क्षेत्र को राजस्व ग्राम का दर्जा नहीं मिलने के कारण पंचायती राज योजनाओं, मनरेगा, पीएम-किसान, फसल बीमा योजना और अन्य सरकारी लाभों से वंचित रहना पड़ रहा है। विभिन्न सरकारों द्वारा 1990 से राजस्व ग्राम बनाने के प्रयास करने के बाबजूद अभी तक राजस्व ग्राम नहीं हो पाया, परन्तु अब वन अधिकार अधिनियम से आस जगी है।

वन अधिकार समिति के शिष्टमंडल में अध्यक्ष अर्जुन नाथ, सचिव भुवन भट्ट, एडवोकेट बलवंत बिष्ट, गणेश कांडपाल, पूर्व सैनिक कैप्टन चंचल सिंह, प्रताप सिंह, सांसद प्रतिनिधि लक्ष्मण खाती मोहन सिंह धामी, कमल जोशी और पूरन बोरा शामिल रहे। समिति ने अजय भट्ट के प्रयासों की सराहना की और उम्मीद जताई कि अधिसूचना जल्द ही जारी होगी।

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