उत्तराखण्ड
आखिर कौन अधिकारी है जिसके संरक्षण में टैक्स चोरी का कारोबार फलफूल रहा है,
हल्द्वानी। उत्तराखंड सरकार जीरो टोलेंस पर कार्य करने का प्रचार प्रसार कर रही है एवं अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है ट्रांसपोर्ट के माध्यम से एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश बॉडर्र पर भले ही अधिकारी चेकिंग करते दिखाई दे रहे उसके बाद भी टैक्स चोरी का माल शहर में कैसे आ रहा है इस पर प्रश्न उठता है,,
कुमाऊं के प्रवेश द्वार हल्द्वानी के ट्रांसपोर्ट नगर में टैक्स चोरी का बड़ा सिंडिकेट चल रहा है, लेकिन जिला प्रशासन, कुमाऊं आयुक्त और शासन स्तर के अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस टैक्स चोरी नेटवर्क को राज्य कर विभाग की एसआईबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच) की एक अधिकारी का संरक्षण प्राप्त है।
बताया जाता है कि कथित एसआईबी अधिकारी के इशारे पर ही हल्द्वानी और रुद्रपुर में टैक्स चोरी की गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। इसके एवज में टैक्स चोर ट्रांसपोर्टर कथित अधिकारी तक हर माह काफी बड़ी रकम कमीशन के रूप में पहुंचाते हैं। : सूत्र बताते हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर हल्द्वानी और ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में इस सिंडिकेट के जरिए बड़े पैमाने पर बिना बिल और टैक्स चुकाए माल पहुंचाया जा रहा है। दिल्ली, बरेली और अन्य शहरों से आने वाले सामान को बिना किसी जांच-पड़ताल के सीधे ट्रांसपोर्ट गोदामों तक उतार दिया जाता है। इसके बाद ‘पहाड़ लाइन’ के कुछ ट्रांसपोर्टर इस अवैध सामान को पहाड़ी जिलों तक पहुंचाते हैं।: इस टैक्स चोरी सिंडिकेट से जहां कुछ ट्रांसपोर्टर, राज्य कर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और कथित एसआईबी अधिकारी मालामाल हो रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार को रोजाना लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ईमानदारी और पारदर्शिता का दावा कर रही है, लेकिन इस टैक्स चोरी का खुला खेल सरकार की छवि को धूमिल कर रहा है। हल्द्वानी और रुद्रपुर में फल-फूल रहे इस टैक्स चोरी सिंडिकेट पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन और शासन इस पूरे खेल से वाकिफ नहीं है, या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है? अब देखना होगा कि क्या सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएगी, या फिर यह सिंडिकेट यूं ही फलता-फूलता रहेगा? भले ही सरकार जनता के सामने अपना ईमानदारी का परिचय दे रही है लेकिन बिना मिली भगत से ये कार्य होना संभव नहीं है,

