उत्तराखण्ड
परिवहन विभाग की बसों के चालको की एक पीड़ा ,,
हलद्वानी ,,,,,हर चालक की अपनी पीड़ा ,,,पांच दरियो से बना पंजाब,,,, विभाजन को लेकर एक भारत का निर्माण हुआ ,,जिसका एक महत्व है उत्तराखंड की बसे भी हर राज्य में आती जाती हैं लेकिन चालक और परिचालक के लिए रात्रि विश्राम के कोई व्यवस्था नहीं है जिसमे, उत्तराखंड राज्य के यात्री भी हर राज्य की बसों में सफर करते होंगे हर राज्य की बसे भी हर राज्य में जाती हैं जिसने चालक एवम परिचालक की एक अहम भूमिका रहती है ,,लेकिन एक चालक और परिचालक यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर रात्रि विश्राम में किस तरह से सोना पड़ता है उसको लेकर किसी भी अधिकारी नहीं पता कि वो रात्रि विश्राम मेरे कर्मचारी की क्या पीड़ा होती होगी,, ,लेकिन मानवीय संवेदना को लेकर चालक और परिचालक अपनी भागीदारी निभा रहे हैं किसी राज्य के अधिकारियों ने कभी ये सोचा होगा मेरा कर्मचारी जो अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं जिससे उन्हें राजस्व प्राप्त हो रहा है, उधर एक विभाग रेलवे हैं जो हजारों की संख्या में अनेक यात्रियों के लेकर जाता है उसके लिए तमाम तरह के इंतजाम किए जाते है क्या उसी तरह हर राज्य की बसों के चालक और परिचालक की रात्रि विश्राम के कोई व्यवस्था बनाई जाए हर राज्य के अधिकारी को बसों से राजस्व चाहिए ,,लेकिन सच तो यही है रात्रि विश्राम के लिए चालक और परिचालक के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रात्रि विश्राम के लिए एक अलग व्यवस्था बनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है ताकि रात्रि में चालक को आराम मिल सके ,,,