उत्तराखण्ड
118वें अखिल भारतीय किसान मेले का शुभारंभ राज्यपाल लेफ्ट जरनल गुरमीत सिंह ने किया,
पंतनगर,,,सेमीकंडक्टर लैब और नवनिर्मित सभागार का लोकार्पण, 503 स्टॉलों की लगी प्रदर्शनी गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी विवेक नौटियाल के सहयोग से नवनिर्मित सेमीकंडक्टर लैब एवं सभागार का उद्घाटन किया।मेले के उद्घाटन संबोधन में राज्यपाल ने इस भव्य आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष कृषि मेले में 503 स्टॉल लगना इस विश्वविद्यालय की निरंतर प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पंतनगर की पवित्र धरती पहले हरित क्रांति दे चुकी है और अब शहद, सगंध व श्रीअन्न जैसे क्षेत्रों में भी नई क्रांति का सूत्रपात करेगी।राज्यपाल ने विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों के नवाचार के प्रति उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि यह देखकर प्रसन्नता होती है कि विद्यार्थी ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कृषि क्षेत्र में कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित राष्ट्र व आत्मनिर्भर भारत 2047 के संकल्प को साकार करने की दिशा में इस तरह के नवाचारों को अत्यंत आवश्यक बताया।राज्यपाल ने कहा कि आधुनिक डिजिटल तकनीकें जैसे सेमीकंडक्टर, ड्रोन, सेंसर और जीपीएस अब कृषि विकास की नई दिशा तय कर रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र द्वारा दस करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण दान करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्थान के प्रति गौरव का विषय है।उन्होंने बताया कि अब तक विश्वविद्यालय के 40 हजार से अधिक विद्यार्थी उपाधि प्राप्त कर चुके हैं, और प्रत्येक विद्यार्थी संस्थान का ब्रांड एंबेसडर है। विश्वविद्यालय को तीन बार सरदार वल्लभभाई पटेल पुरस्कार प्राप्त होना अत्यंत गर्व का विषय है।राज्यपाल ने कहा कि “यदि हम कृषि की रक्षा करेंगे तो कृषि हमारी रक्षा करेगी।” उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ड्रोन दीदी योजना और महिला विशेष स्वयं सहायता समूह जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि उनकी विकसित तकनीकें अंतिम किसान तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने रसायन-मुक्त प्राकृतिक खेती को अपनाने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
















