उत्तराखण्ड
सुणी अरदास सुआमी मेरे,सरब कला बण आयी,प्रगट भई सगले जुग अंतर गुर नानक की वडयाई,
हल्द्वानी। ,साहिब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में विगत कई दिनों से चल रहे कार्यक्रमों के क्रम में आज रामलीला मैदान में कीर्तन दरबार एवं गुरमत समागम का आयोजन किया गया। आयोजन के लिए रामलीला मैदान में भव्य पंडाल सजाया गया था । प्रातः 6 बजे मुख्य ग्रंथी भाई जगपाल सिंघ जी ने समूह संगत व सेवक परिवार की तरफ से रखे गए अखंड पाठ साहिब की सम्पूर्णता करी।उपरन्त 9 बजे रामलीला ग्राउंड में गुरु ग्रंथ साहिब जी का अरदास कर के प्रकाश करके गुरमत समागम का आरंभ किया। सबसे पहले हजूरी रागी भाई मोहन सिंघ जी एवं साथियो ने कीर्तन की शुरुवात करी उपरन्त हल्द्वानी शहर के अलग-अलग गुरुद्वारों के रागी जत्थों, श्री गुरु तेग़ बहादुर पब्लिक स्कूल एवं खालसा स्कूल के छात्रों ने गुरुबानी का गायन किया। हेड ग्रंथि ठाकुर सिंघ जी ,गुरद्वारा गुरुनानक पूरा जी ने कथा विचार करी।उसके बाद दरबार साहिब से आए भाई गुरदेव सिंघ वेरका एवं साथियों ने “कल तारण गुरु नानक आया” “मारया सिक्का जगत विच,नानक निर्मल पंथ चलाया” एवं “सतगुरु की सेवा सफल है जे को करे चित लाए” आदि शबदों का गायन कर संगत को निहाल कर दिया।।उपरन्त अमृतसर से आये प्रचारक वीर हरप्रीत सिंघ जी जंडयाला ने गुरु साहिब के जीवन से जुड़े वर्तान्त बताए और कहा कि गुरु नानक देव जी ने अपना सारा जीवन मानवता की भलाई और परोपकार के साथ समाज को सामाजिक कुरितियाँ एवं भ्रामक कर्मकांडों से बाहर निकालने में लगाया। गुरु जी ने हमेशा जात- पात, धर्म एवं ऊँच -नीच के दिखावटी बंधन को तोड़ कर एक ईश्वर की उपासना करने का संदेश दिया एवं सरबत के भले का सन्देश दिया। गुरु साहिब ने लंगर प्रथा का आरम्भ कर बराबरी का संदेश दिया जो आज तक कायम है जिसमें राजा और रंक एक ही पंगत में बैठ कर लंगर ग्रहण करते हैं। गुरु साहिब की शिक्षाओं के चलते सिख पंथ हमेशा ही मानवता के भले के लिए तत्पर रहता है चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में दैविय आपदा हो या अन्य कोई समस्या। हर सिख उस प्रभु के आगे दोनों वक्त सुबह शाम अरदास में ये बोल बोलता है” नानक नाम चढ़दी कला,तेरे भाड़े सरबत दा भला।उसके बाद भाई शौकीन सिंघ जी हजूरी रागी श्री दरबार साहिब ने कीर्तन की हाज़री भरी।उन्होंने ऐसे सतगुर को बल जाईये व कल तारन गुर नानक आया आदि शब्दों से संगतं को निहाल कर दिया।पंडाल में सिख मिशनरी कालेज, हल्द्वानी सर्कल द्वारा गुरु नानक देव जी के जीवन एवं गुरुबाणी से सम्बंधित विषयों की प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी का स्टाल लगाया गया था।सभी उम्र की संगत ने इसमें भाग लिया।कार्यक्रम के दौरान गुरु का लंगर चलता रहा जिसमें हज़ारों श्रद्धालुओं ने लंगर छका। सिख सेवक जत्थे की तरफ से पानी एवं लस्सी का स्टाल,अकाल पुरख की फौज की तरफ से सूजी के हलुआ का स्टाल ,निडर खालसा जत्थे की तरह से फ्रूट रायता का स्टाल लगाया गया
कार्यक्रम का संचालन जगजीत सिंघ एवं अमरजीत सिंघ आनंद ने किया।जगजीत सिंघ ने जहाँ गुरु के लंगर के लिए दिए गए सहयोग के लिए समूह संगत, परिवारो का धन्यवाद करा वही रामलीला कमेटी, नगर प्रशासन,पुलिस प्रशासन एवं समूह सेवादारों का धन्वाद करा। अमरजीत सिंघ ने गुरु साहिब के दर्शन करने आयी संगत का व बधाई देने जो गणमान्य आये उन सभी का ,सहयोगी संस्थाओं एवं सेवादारों का एवं समूह साध संगत इलाका निवासियों का आभार प्रकट किया।अंत में गुरु के वजीर भाई जगपाल सिंघ जी ने अरदास करके कार्यक्रम का समापन जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल जयघोष के साथ किया।उपरन्त गुरु महाराज का पावन स्वरूप सुखासन करके समूह संगत व श्री सुखमनी सोसाइटी के मेम्बरों की तरफ से पुशप वर्षा करते हुऐ गुरद्वारा साहिब निजस्थान में ले जाया गया।समूह संगत ने गुरु का लंगर छका व गुरु साहिब का धन्यवाद करा।आज के दीवान में वीरेंद्र सिंघ चढा, रंजीत सिंघ आनंद,कवलजीत सिंघ उपल,अमरजीत सिंघ सेठी,अमरजीत सिंघ बिंद्रा,अमरीक सिंघ आनंद,नरेंद्रजीत सिंघ रोडू,अमनपाल सिंघ,सोहन सिंघ,रविंदरपाल सिंघ राजू तजिंदर सिंघ,बलविंदर सिंघ आनंद,जसवंत सिंघ,रविंदरपाल सिंघ शंटी,अमनपाल सिंघ लवी,जगमोहन सिंघ राजू,मनप्रीत सिंघ, प्रिंस कोहली,जसपाल कोहली,परमजीत सिंघ शंटी,बबली वीरजी, बबलू कुकरेजा, सतपाल सिंघ,बलबीर सिंघ मारवाह,बाबू दिवान चंद जी,हरविंदर सिंघ बबलू,परमजीत सिंघ पम्मा,कवलजीत सिंघ बबली,सनु नरूला ,अमरजीत सिंघ साहनी,प्रभजोत सिंघ रिंकल,हरप्रीत सिंघ,सुरजीत सिंघ आदि ने सहयोग किया।