उत्तराखण्ड
बिना पगड़ी दे नहीं पहचान होंदी,भांवे होवे आदमी लख हजार विच,लखां विचो होवे इक पगड़ी वाला ,लोगी आखदे ,सत श्री अकाल सरदार जी ,
बिना पगड़ी दे नहीं पहचान होंदी,भांवे होवे आदमी लख हजार विच,लखां विचो होवे इक पगड़ी वाला ,लोगी आखदे ,सत श्री अकाल सरदार जी ।
मुख्य आकर्षण प्रोग्राम टर्बन डे – Turban Day
आज दिनांक 01.01.23 को हल्द्वानी की समूह संगत, प्रबंधक कमेटियों,एवं यूथ संस्थाओ की तरफ से टर्बन डे मनाया गया ।
छोटे छोटे बच्चो एवं समूह सिख नौजवानौ ने अलग अलग रंगों की पगड़ी एवं महिलाओ ने केसकी सजा कर टर्बन डे को बहुत खूबसूरत बना दिया।। श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में अरदास करके इसकी अरम्भता हुई।
छोटे छोटे बच्चे बोले सो निहाल के उद्धगोश एवं सतनाम वाहेगुरु का सिमरन करते होये चल रहे थे।बड़े बच्चे और सिख महिलाये भी शब्द गायन और हाथ मे पगड़ी मेरी जान ,पगड़ी मेरी पहचान एवं ये सिर्फ पगड़ी नही गुरु का दिया ताज है..आदि बोर्ड हाथ मे पकड़ कर समूह इलाका निवासियों को संदेश दे रहे थे।
सभी संगत रंग बिरंगी पगड़ियां बांध कर पैदल चल कर तिकोनिया चौराहा-ओक होटल-सिंधी चौराहा-मीरा मार्ग बाजार होती हुई गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा पहुची। इस का मुख्य उद्देश्य सिख नोजवानो को दस्तार/पगड़ी की तरफ प्रेरित करना था।गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा पहुँचने पर कीर्तन कर अरदास करके गुरु साहिब का धन्यवाद किया गया व पगड़ी का महत्व समझाया गया।गुरद्वारा कमेटी की तरफ से सभी संगत का धन्यवाद किया गया।सभी संगत ने गुरु का लंगर छक कर गुरु साहिब का धन्यवाद करा।उक्त प्रोग्राम में सभी गुरद्वारा कमेटी के एवं संस्थाओ के सदस्य मौजूद थे,