उत्तराखण्ड
बड़े सौभाग्य से मिलता है सत्संग महात्मा प्रचारिका बाई
अजय उप्रेती लालकुआ
बड़े सौभाग्य से मिलता है सत्संग महात्मा प्रचारिका बाई
हल्द्वानी यहां रामपुर रोड गली नंबर 12 समता आश्रम के समीप गायत्री मंदिर में आयोजित सत्संग समारोह को संबोधित करते हुए सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी की परम शिष्य महात्मा प्रचारिका बाई ने सत्संग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सत्संग में जाने का अवसर बड़े सौभाग्य से मिलता है उन्होंने कहा कि सत्संग में जाने से श्रेष्ठ विचारों का श्रवण तथा मनन करने से मनुष्य को सन्मार्ग की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और जब व्यक्ति का कदम सन्मार्ग की ओर बढ़ता है तो उसके समस्त प्रकार के विषय विकार समाप्त हो जाते हैं और उसे आत्म तत्व का ज्ञान होता है महात्मा प्रचारिका बाई ने कहा कि मनुष्य के जीवन में उत्थान एवं पतन दोनों की ही संभावनाएं होती हैं उस व्यक्ति के जीवन में किस प्रकार का वातावरण है यह उसके जीवन की दिशा और दशा को तय करता है उन्होंने कहा कि सत्संग ज्ञान भक्ति का वह संगम है जिस में गोता लगाने से मनुष्य के समस्त प्रकार के पाप और संताप दोनों दूर हो जाते हैं उन्होंने कहा कि आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है और यह पावन पर्व गुरु तथा शिष्य के पावन पवित्र रिश्तो का बोध कराता है तथा शिष्य का अपने गुरु के प्रति श्रद्धा एवं समर्पण तथा गुरु का अपने शिष्य को अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाने का प्रतीक है इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं तथा प्रेमी जनों ने गुरु महिमा से ओतप्रोत सुंदर सुंदर भजन कीर्तन की प्रस्तुति कर माहौल को भक्ति रस से सराबोर कर दिया