उत्तराखण्ड
गौला कटान को रोकने के लिए स्थायी तटबंध बनाने में कौन सी बाधा है सरकार स्पष्ट करे : जंगी
• गौला कटान को रोकने के लिए स्थायी तटबंध बनाने में कौन सी बाधा है सरकार स्पष्ट करे : जंगी
• खुरिया खत्ता, शिशमाड़ी, चौड़ाघाट और रावतनगर में नदी का रुख आबादी के दूसरी ओर मोड़ने का काम तत्काल किया जाय
• स्थायी समाधान नहीं किया गया तो भविष्य में बड़ी मानवीय त्रासदी घटित होने की आशंका
संयुक्त वामपंथ के लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से भाकपा (माले) उम्मीदवार बहादुर सिंह जंगी ने विधानसभा के खुरिया खत्ता, रावत नगर, शिशमाड़ी, चौड़ाघाट, शीशमभुजिया, संजयनगर का सघन दौरा कर अपना जनसंपर्क अभियान जारी रखा है। गौला नदी के तटवर्ती इलाकों के बाशिंदों की सबसे बड़ी समस्या भूमि कटान की है। थोड़ी सी भी बारिश में बृहद क्षेत्र में भूमि कटान होता है और जनता की जान सांसत में पड़ जाती है। इसको लेकर शासन-प्रशासन- विधायक सबके संज्ञान में होने के बावजूद इतनी बड़ी आबादी को अपने हाल पर छोड़ देना न सिर्फ चिंताजनक है बल्कि अमानवीयता और असंवेदनशीलता का भी परिचायक है। भाकपा (माले) के लालकुआं विधानसभा प्रत्याशी बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, “माले ने गौला नदी के तटवर्ती इलाकों की सुरक्षा के लिए हल्दूचौड़ से लेकर शांतिपुरी नंबर तीन तक बायपास रोड बनाकर स्थायी समाधान करने की मांग लंबे समय से की है लेकिन भाजपा-कांग्रेस की सरकारों ने हमेशा ही अपने कुछ लोगों को फायदा पहुँचाने के लिए अस्थायी तटबंध और ठोकर बनाने को ही प्राथमिकता दी है। जिससे कुछ लोगों की हर साल की ठेकेदारी चल सके। लेकिन यही चलता रहा और स्थायी समाधान नहीं किया गया तो भविष्य में बड़ी मानवीय त्रासदी घटित हो सकती है। इसलिए बारिश का इंतजार न कर तत्काल गौला किनारे स्थायी तटबंध बनाकर बायपास रोड का निर्माण शुरू किया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि, “गौला कटान को रोकने के लिए स्थायी तटबंध बनाने में कौन सी बाधा, कौन सी राजनीतिक मजबूरी है विधायक और भाजपा सरकार स्पष्ट करें।”
उन्होंने मांग की कि, “खुरिया खत्ता, शिशमाड़ी, चौड़ाघाट और रावतनगर की ओर जेसीबी मशीन लगाकर प्रशासन तत्काल प्रभाव से नदी का का रुख आबादी के दूसरी ओर मोड़ने का काम करे और पूरे किनारे पर स्थायी तटबंध बनाने की प्रक्रिया को अविलंब शुरू किया जाय।”
जनसंपर्क अभियान में माले उम्मीदवार बहादुर सिंह जंगी के साथ मुख्य रूप से भुवन जोशी, विमला रौथाण, कामरेड डॉ कैलाश, गोविंद जीना, पुष्कर दुबड़िया, नैन सिंह कोरंगा, ललित मटियाली, किशन बघरी, दिनेश पलड़िया, कमल जोशी, बिशन दत्त जोशी, निर्मला शाही, हरीश भण्डारी, ललित जोशी, दान सिंह कार्की, धीरज कुमार, राजवीर सिंह आदि शामिल रहे।