उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड इस योजना को लेकर पूर्व सैनिकों के साथ संवाद आयोजित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
हल्द्वानी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धाम ने समस्त जिलाधिकारियों व पूर्व सैनिकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अग्निपथ योजना के संबंध में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तराखण्ड इस योजना को लेकर पूर्व सैनिकों के साथ संवाद आयोजित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही वीर और सैन्य भूमि भी है यहाँ के अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को इस योजना के सही तथ्यों को बताएँ ताकि युवा भ्रमित न हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सभी निर्णय देश हित में लिए है। लम्बे समय तक लम्बित वन रैंक वन पेंशन के संबंध में उनके द्वारा ही निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिए विभिन्न अर्द्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। सेना के अनुशासन में प्रशिक्षित अग्निवीर को सभी जगह निश्चित तौर पर प्राथमिकता मिलेगी।
वीसी में जनपद से जिला सैनिक कल्याण लीग के अध्यक्ष मेजर भूपाल सिंह रौतेला ने संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि यह आवश्यक है कि उत्तराखण्ड के युवाओं को अग्निवीर योजना के सभी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी जाए। युवाओं के मन में चार वर्ष में घर वापिस आने की भावना गलत है। अग्निपथ योजना के तहत चयनित होने वाले अग्निवीरों में से 25 प्रतिशित को स्थाई सेना में शामिल किया जाएगा। वर्तमान में सेना में उत्तराखण्ड के युवा अग्रिम पंक्ति में है। 04 वर्ष बाद इन अग्निवीरों को केन्द्रीय सशस्त्र बल, पीएसयू, पैरामिलिट्री सहित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी, इसके लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी की गई है।