Connect with us

उत्तराखण्ड

सतत व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण पर दो द‍िवसीय मंथन, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के व‍िकांस की बनी ‘रणनीत‍ि’,,

सतत व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण पर दो द‍िवसीय मंथन, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के व‍िकांस की बनी ‘रणनीत‍ि’
देहरादून (पौड़ी). श्रीनगर के चौरास पर‍िसर स्‍थ‍ित स्‍वामी मनमथन प्रेक्षागृह में शुक्रवार को पंचायतीराज व‍िभाग उत्‍तराखंड की ओर से दो द‍िवसीय प्रश‍िक्षण एवं कार्यशाला कार्यक्रम की शुरुआत की गई. कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य अत‍िथ‍ि माननीय मंत्री पंचायतीराज श्री सतपाल जी महाराज ने दीप प्रज्‍जवल‍ित करके कार्यक्रम की शुरुआत की. इसमें दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रत‍िन‍िध‍ि श‍िरकत करने पहुंचे. इस कार्यक्रम के माध्‍यम से सतत व‍िकास लक्ष्‍यों के स्‍थानीयकरण एवं ग्राम पंचायत व‍िकास योजना व‍िषय पर त्र‍िस्‍तरीय पंचायत प्रत‍िन‍िध‍ियों एवं कार्म‍िकों को प्रशि‍क्षण द‍िया जा रहा है.
दो द‍िवसीय कार्यशाला के पहले के द‍िन शुक्रवार को कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुये पंचायतराज मंत्री सतपाल जी महाराज ने कहा कि प्रदेश में हमारी कोशिश है कि प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव आम चुनाव हो. उन्‍होंने कहा क‍ि राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला में पांच जनपदों के प्रतिनिधि इसमें प्रतिभाग कर रहे हैं. इस कार्यशाला के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन और जल जीवन मिशन को कैसे सफल किया जा सके इसी मंशा से कार्यशाला आयोजित की गई है. इस दौरान उन्‍होंने स्‍थानीय जरूरतों को देखते और समझते हुये जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को ग्रामीणों के सतत व‍िकास की रूपरेखा बनाने का सुझाव द‍िया.
इससे पूर्व को कार्यक्रम को संबोध‍ित कर हुये संयुक्‍त न‍िदेशक पंचायतीराज व‍िभाग के उत्‍तराखंड श्री राजीव कुमार नाथ त्र‍िपाठी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की यह कार्यशाला जनप्रतिनिधियों के क्षमता विकास के लिए आयोजित की गई है ताकि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके. विकास योजनाओं को बनाने और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कैसे कार्यनीति बने यह इस अभिमुखीकरण कार्यशाला का उद्देश्य है. उन्‍होंने सभी त्र‍िस्‍तरीय जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को से कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील करते हुये संवाद के रूप में कार्यशाला में भाग लेने के ल‍िये कहा.
इस अवसर पर श्री दिनेश गंगवार जी स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर , निदेशालय पंचायतीराज ने भी अनुभवों को साझा करते हुए त्रिस्तरीय पंचायतों में संचालित ऑनलाइन एप्लीकेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा देते हुए आमजन को हर तरह की योजनाओं का लाभ दिलाने पर विशेष जोर दिया.
कार्यक्रम को संबोध‍ित करते हुये पूर्व संयुक्‍त न‍िदेशक पंचायती राज श्री डीपी देवराड़ी जी ने कहा क‍ि सतत व‍िकास की प्रक्र‍िया को साकार करने के ल‍िये एसडीजी लक्ष्‍यों की प्राप्‍ती करना बहुत अन‍िवार्य है. उन्‍होंने अपने संबोधन में जनप्रत‍िन‍िध‍ियों को ग्रामीणों की आजीव‍िका को बढ़ाने और उन्‍हें आज की जरूरतों को अनुरूप व‍िकास को दर्शाने वाली सभी सुव‍िधाओं को मुहैया कराने पर जोर द‍िया. ठोस अपश‍िष्‍ट प्रबंधन के बारे में भी उन्‍होंने व‍िस्‍तार से जानकारी दी.
वहीं, पाणी राखो आंदोलन के प्रणेता सच्चिदानंद भारती ने कहा कि ग्रामीण अंचल में पंचायत राज को सशक्त बनाने के लिए एसी कार्यशालाओं का अत्यधिक महत्त्व है. सरकार का गांव की सरकार को स्वराज की ओर ले जाने का यही सबसे बेहतरीन तरीका है. कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे जनप्रतिनिधिगण इस आयोजन को लेकर अति उत्साहित हैं उनका कहना है कि ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से वित्तीय और प्रशासनिक समझ के साथ ही योजनाओं को लागू कराने में भी कारगर साबित होती हैं. कार्यक्रम के पहले द‍िन शाम के समय सांस्‍कृत‍िक कार्यक्रम का आयोजन क‍िया गया. इसमें अपने सुरों से श्री अन‍िल ब‍िष्‍ट जी और श्रीमती हेमा नेगी करासी जी कार्यक्रम में जोश भर द‍िया…

Ad Ad Ad Ad Ad
[masterslider id="1"]
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page