उत्तराखण्ड
अशफाक उल्ला खां की 123 जयंती पर दो दिवसीय बाल फिल्म मेले का शुभारंभ…
आजादी के आंदोलन के क्रांतिकारी नायक अशफाक उल्ला खां की 123 जयंती पर प्रतिभा बाल विद्यालय कार रोड़,बिंदुखत्ता में दो दिवसीय बाल फिल्म मेले का शुभारंभ हुआ।रचनात्मक शिक्षक मंडल की पहल पर हो रहे इस दो दिवसीय बाल फिल्म मेले में बच्चों को आजादी के आंदोलन पर केंद्रित फिल्मों के साथ देश दुनिया की मनोरंजक फिल्में दिखाई जाएंगी।बाल फिल्म मेले का उद्घाटन वरिष्ठ किसान नेता बहादुर सिंह जंगी और विमला रोथांण ने किया।कार्यक्रम की शुरुआत अशफाक उल्ला खां के चित्र पर माल्यार्पण से हुई।तत्पश्चात अपने वक्तव्य में बहादुर सिंह जंगी ने कहा काकोरी युग के क्रांतिकारियों में अशफाक उल्ला खान सबसे अधिक प्रगतिशील विचारों के थे।उन्होंने बहुत स्पष्ट तौर पर स्वदेशी,सांप्रदायिक सद्भाव,समाजवाद, और जनजागरण की बात कही।आर्यसमाजी विचारों के रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक की मित्रता और मातृभूमि की आजादी के लिये उनका एक साथ शहीद हो जाना सांप्रदायिक सद्भाव और हमारे इतिहास की बहुत बड़ी विरासत है,जिसे जानना और समझना आज बहुत जरूरी हो गया है।
कार्यक्रम के शुरू में 1857 के विद्रोह के क्रांतिकारी विचारक अज़ीमुल्ला खां द्वारा लिखित प्रयाण गीत हम हैं इसके मालिक हिंदोस्ता हमारा गीत सामूहिक रूप से गाया गया।फिर बच्चों को जवाहरलाल नेहरू लिखित पुस्तक भारत एक खोज पर बने एपिसोड भारत माता की जय को दिखाया गया।कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल द्वारा आजादी के आंदोलन में उत्तराखंड के।लोगों की भूमिका के बाबत विस्तार से जानकारी दी गई। गोहर रजा निर्देशित फिल्म इंकलाब जिसमें 1857 से लेकर 1947 तक हुए आजादी के आंदोलन को बेहतरीन तरीके से समझाया गया है बच्चों को दिखाई गई।प्रतिभागी बच्चों ने अशफाक उल्ला खां व उनके क्रांतिकारी साथियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत रखते हुए उनके चित्र बनाए। जनकवि अदम गोंडवी को भी उनकी 76 वीं जयंती पर कार्यक्रम के दौरान याद किया गया।उनकी नज्मों का सामूहिक गायन किया गया।इस मौके पर प्रभात पाल,संजय कुमार,धीरज उपाध्याय,हेमा गोस्वामी,गिरीश तिवारी,कमल जोशी,कैलाश पांडे,गीता तिवारी मौजूद रहे।