उत्तराखण्ड
विषय वासनाओं के अनुरागी होते हैं बड़े अभागीपांच दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव में संत महात्माओं का उद्बोधन,,
अजय उप्रेती //,, अजय कुमार वर्मा
लालकुआं समीपवर्ती बिंदुखत्ता के श्री हंस प्रेम योग आश्रम में चल रहे पांच दिवसीय शिवरात्रि महोत्सव एवं सदभावना संत सम्मेलन में विभिन्न तीर्थ स्थलों से भ्रमन करते हुए सदगुरुदेव श्री सतपाल जी महाराज के संत महात्माओं के प्रवचनों का लाभ उठाते हुए श्रद्धालु खुद को धन्य कर रहे हैं, संत महात्माओं द्वारा आज बताया गया कि जो व्यक्ति ज्ञान भक्ति सत्संग से दूर जाता है तथा विषय वासनाओं के बंधन में फंसता है जो विषयों का अनुरागी होता है वास्तव में सबसे बड़ा अभागी वही होता है संत महात्माओं ने कहा कि विषय वासनाओं के संसार में जब अज्ञान एवं अशांत रूपी अग्नि से बचना हो तो ज्ञान रूपी सरोवर सत्संग में गोता लगा लेना चाहिए ज्ञान का सरोवर सत्संग वह माध्यम है जो तमाम प्रकार के विषय बंधनों से व्यक्ति को मुक्ति दिलाते हुए उसे परम आनंद की प्राप्ति करवा देता है इस दौरान महात्मा श्री सत्यबोधानंद जी विषेशानंद जी स्नेहा बाई जी प्रचारिका बाई सुमिता बाई सारिका बाई नगीना बाई हेमंती बाई आभा बाई म.प्रभाकरानंद आलोकानंद मानसानंद सुमन कला सतरूपा आदि ने उपस्थित श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि व्यक्ति के जब अनेक जन्मों के पुण्य पुंज उदय होते हैं तब उसे सत्संग में जाने का अवसर प्राप्त होता है क्योंकि सत्संग समस्त वेद पुराण उपनिषदों एवं धर्म ग्रंथो का सार है कहां गया है कि बिनु सत्संग विवेक न होई राम कृपा बिनु सुलभ न सोई
इस अवसर पर मुख्य रूप से भगवान दास वर्मा कन्हैया सिंह हरिश्चंद्र कांडपाल स्वामीनाथ पंडित डॉक्टर आर पी श्रीवास्तव भुवनचन्द भट्ट संजय झा बृजमोहन अजय उप्रेती सरिता श्रीवास्तव गोविंदी बिष्ट नंदी उप्रेती मीना सपरा कमला रावत मुन्नी रस्तोगी हेमा जोशी शकुंतला बसेरा समेत अनेकों को लोग मौजूद रहे