उत्तराखण्ड
तीन पीढ़ियों का एक साथ अंगदान हेतु शपथ लेना वसुधैव कुटुम्बकम को चरितार्थ करने वाला अनुकरणीय तथा सराहनीय कदम है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) दिल्ली द्वारा जाँच के उपरान्त पंजीकृत डाक से भेजे गये अंगदान डोनर कार्ड कुन्तीपुरम, हिम्मतपुर तल्ला, हल्द्वानी निवासी पं. श्रीनिवास मिश्र के परिवार को शुक्रवार को प्राप्त हो गये। भारतीय डाक विभाग के वरिष्ठ डाकिया राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने घर जाकर परिवार के 6 सदस्यों की 6 पंजीकृत डाक उपलब्ध कराई।
श्रीनिवास मिश्र ने सपरिवार नवरात्र के पावन वातावरण में 10 अक्टूबर को एम्स दिल्ली को अंगदान हेतु शपथ पत्र प्रेषित किया था। एम्स के अस्पताल प्रबन्धन की प्रोफेसर डॉ आरती विज द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में आग्रह किया गया है कि अंगदान डोनर कार्ड को अंगदाता हर समय अपने साथ रखे। एम्स द्वारा भेजे गये अंगदान डोनर कार्ड प्राप्त करने वालों में श्रीनिवास मिश्र, उनकी पत्नी कमला मिश्र, उनके पुत्र व पुत्रवधू डॉ सन्तोष मिश्र, गीता मिश्र तथा उनकी पौत्री शिवानी मिश्र व हिमानी मिश्र शामिल हैं।
तीन पीढ़ियों का एक साथ अंगदान हेतु शपथ लेना वसुधैव कुटुम्बकम को चरितार्थ करने वाला अनुकरणीय तथा सराहनीय कदम है।
इच्छुक अंगदाता एम्स की वेबसाइट पर जाकर इस लिंक के द्वारा अंगदान की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
एम्स की वेबसाइट में दी गयी जानकारी के अनुसार एम्स में दो तरीके से अंगदान किया जा सकता है।
1.जीवित रहते अंगदान की शपथ लेकर।
2.मृत्यु के उपरांत परिवार के सदस्यों की सहमति से।
●जीवन में कभी भी कोई भी व्यक्ति दो गवाहों की उपस्थिति में जिसमें से एक करीबी रिश्तेदार हो, अंगदान शपथ पत्र भर सकता है।
●अंगदान का शपथ पत्र एम्स की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है, यह प्रपत्र निशुल्क है।
●अंगदान शपथ पत्र के सही पाए जाने पर एम्स दिल्ली द्वारा ऑर्गन डोनर कार्ड प्रदान किया जाता है, एम्स की सलाह होती है कि डोनर कार्ड हर समय जेब में रखना चाहिए।
●अंगदान के समय अंग दानी के परिवार पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ता है।
●अंगदान करने से मृत शरीर को बाहर से कोई क्षति नहीं दिखती है, बल्कि सामान्य दिखती है ताकि अंतिम संस्कार कोई असुविधा ना हो।
वेबसाइट में दी गयी जानकारी के अनुसार अंग पुनः स्थापन बैंकिंग संस्था (ORBO) अंगदान की प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए देश के विभिन्न भागों में अस्पतालों की चेन बना रहा है ताकि हर जगह से समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके। दिल्ली के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के साथ-साथ कैलाश हॉस्पिटल नोएडा, संजय गांधी पीजीआई लखनऊ, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, केयर हॉस्पिटल हैदराबाद, जसलोक हॉस्पिटल मुंबई को भी इस अंगदान नेटवर्क से जोड़ा गया है। इसके सुविधाजनक संचालन के लिए हर संस्था में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।