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उत्तराखण्ड

अल्पसंख्यक आयोग के हस्तक्षेप से वनभूलपुरा- रेलवे भूमि विवाद के समाधान की आस जगी : बल्यूटिया


अल्पसंख्यक आयोग के हस्तक्षेप से वनभूलपुरा- रेलवे भूमि विवाद के समाधान की आस जगी : बल्यूटिया
हल्द्वानी। वनभूलपुरा रेलवे भूमि मामले में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग ने गंभीरता दिखाते हुए जिलाधिकारी नैनीताल को एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही 15 दिन के अंदर आयोग के समक्ष जांच आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बताया कि वनभूलपुरा रेलवे भूमि मामले में अल्पसंख्यक आयोग ने शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी नैनीताल को आदेश दिया है कि वह इस प्रकरण में जांच समिति का गठन करें। आयोग ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि वह इस मामले में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नैनीताल की अध्यक्षता में समिति का गठन करें, जिसमें राजस्व विभाग, रेलवे विभाग व नगर निगम को सदस्य के रूप में नामित कर पूर्व में हुए सीमांकन, मानचित्र एवं दस्तावेजों को जांच में शामिल करें। आयोग ने जांच आख्या 15 दिन के भीतर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
बल्यूटिया ने बताया कि इस मामले में नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी की ओर से आयोग को अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि नगर निगम नजूल भूमि का मात्र प्रबंधक है। इसका मालिकाना हक जिलाधिकारी नैनीताल के पास होता है। साथ ही किसी संपत्ति को फ्री होल्ड संबंधी आदेश राजस्व विभाग अपर जिलाधिकारी के स्तर से निर्गत कराता है। पूर्व में इस मामले में नगर आयुक्त नगर निगम हल्द्वानी का आयोग को सहयोग न करने के कारण एक दिन का वेतन रोकने संबंधी आदेश भी पारित किया गया था। जिसे नगर आयुक्त नगर निगम के स्पष्टीकरण के पश्चात निरस्त कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के रेलवे भूमि संबंधी विवाद में सक्रियता के बाद एक बार फिर वनभूलपुरा, ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती तथा रेलवे स्टेशन के आसपास रह रहे लोगों में राहत की उम्मीद जगी है

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