उत्तराखण्ड
मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन विभागों ने अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष कम धनराशि व्यय की है वे अपने बजट व्यय की प्रगति में सुधार करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
RS gill
Reporter
रूद्रपुर , मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई ने विकास भवन सभागार में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन, जिला योजना, राज्य सैक्टर, केन्द्र पुरोनिर्धानित एव वाह्य सहायतित योजनाओं के सम्बन्ध में विभागवार समीक्षा की। मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन विभागों ने अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष कम धनराशि व्यय की है वे अपने बजट व्यय की प्रगति में सुधार करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग रिपोर्ट प्रेषित करने से पहले उस रिपोर्ट की भलि-भांति जांच कर लें, तभी सही रिपोर्ट प्रेषित करें। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि निर्माण कार्य से सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि अवमुक्त की जाती है, विभाग कार्यदायी संस्था से लागातार समन्व्य स्थापित करते हुए कार्यों पर दृष्टि बनाऐं रखें, ताकि कार्यों की गुणवत्ता, पार्दर्शिता व समयबद्धतापूर्ण कार्यों को पूर्ण किया जा सकें। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी बैठक में फोटो ग्राफ के साथ प्रजन्टेशन के माध्यम से कार्यो की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगें। उन्होने निर्देश देते हुये कहा कि सभी विभाग अपने स्तर पर विकास कार्यो की समीक्षा करना सुनिश्चित करें ताकि कार्यो में और प्रगति लायी जा सकें।
समीक्षा के दौरान सम्बन्धित विभागों व कार्यदायी संस्थाओं के साथ विस्तृत रूप से मा0 मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणओं की जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को मा0 मुख्यमंत्री की घोषणाओं को गम्भीरता से लेते हुये कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि जिस भी अधिकारी के स्तर पर किसी भी कारण से कार्य लम्बित है वे आवश्यक कार्यवाही करते हुये उनका शीघ्र निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे स्वंय अपने कार्य क्षेत्र में जाकर कार्यदायी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे कार्यो की गुणवत्ता को भी देखे व प्रत्येक कार्यो का अच्छी तरह से निरीक्षण कर ले ताकि कार्यो में कोई कमी न रहे। उन्होने कहा कि विकास कार्य धरातल पर दिखना चाहिये। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अधिकारी अपने स्तर पर कोई कार्य लम्बित न रखे। कार्यो के सम्बन्ध में सम्बन्धित से वार्ता होनी है उनसे समन्वय बनाते हुये वार्ता कर निस्तारण करना सुनिश्चित करें।