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उत्तराखण्ड

जीते जी रक्तदान मरण उपरांत नेत्र दान का संकल्प लेना चाहिए।

जीते जी रक्तदान मरण उपरांत नेत्रदान ,हल्द्वानी में एक ऐसी समाज सेविका श्रीमती कांता विनायक जी अपने पति की मृत्यु होने पर उन्होंने उनकी नेत्र ज्योति को दान किया था जिससे नेत्रहीन है रोशनी मिल सके लगभग 5 वर्ष पूर्व से एक ऐसा बीड़ा उठाया वो आज तक चल रहा है वह अक्सर ब्लाइंड स्कूल में जाकर बच्चियों की सेवा करती हैं तो उन्होंने देखा कि कैसे छोटे छोटे बच्चे बच्चियां जो एक अंधकार में जी रही हैं तो उनके मन आया है सबसे पहले उन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद एक अभियान चलाया कि वो आज तक मरण उपरांत नेत्रज्योति दान चल रहा है इसका जिमा सरदार हरजीत सिंह सच्चर जी को दिया ,आज लगभग 102 लोग मरण उपरांत नेत्रज्योति का दान हो चुके हैं जिसमे 67 सिख समुदाय के लोगों ने नेत्र ज्योति दान किया है तथा 35 अन्य समुदाय के लोगो ने मरण उपरात नेत्र दान किया है आज गुरुद्वारा गुरु नानक पूरा में अंतिम अरदास पर कोहली गार्डन निवासी महिंदर कौर की मृत्यु उपरांत उनके परिवार ने नेत्र दान जो लगभग 200 लोगो को नेत्र ज्योति मिल रही हैं मुरादाबाद की संस्था जो यहाँ पर आकर कोर्निया ले जाते है अगर उत्तराखंड सरकार सुशीला तिवारी अस्पताल में नेत्र बैंक बन जाए ,जिससे जिनकी नेत्रो की रोशनी चली गई है तो वह अपने शहर में ईलाज करवा सके सुशीला तिवारी अस्पताल में केंद्र सरकार दुवारा अनुमति मिल चुकी है पर कुछ तकनीकी कारण से सुशीला तिवारी अस्पताल में नेत्र बैंक नही खुल पा रहा है सरकार को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए । ताकि जो लोग अंधकार में जी रहे हैं उनको नेत्र रोशनी मिल सके ,,

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