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उत्तराखण्ड

भीम आर्मी ने दिल्ली पुलिस का पुतला फूंका ,

हल्द्वानी भीम आर्मी द्वारा दिल्ली पुलिस का पुतला फूंका गया,
जिलाध्यक्ष नफ़ीस अहमद खान ने कहा कि दिल्ली जैसे वी आई पी शहर जो देश की राजधानी है वहां पर इतने ज़्यादा रेप हो रहे हैं कि 9 साल की बच्ची का मामला ठंडा तक नही होता और 6 साल की बच्ची के साथ हो जाता है, दोनों मामले ठंडे भी नही हो पाते तो सिविल डिफेंस पुलिस महिला जो डी एम कार्यालय में कार्यरत थी उसके साथ रेप के बाद बर्बरता से निर्मम हत्या कर दी जाती है और दिल्ली पुलिस हर रेप को दबाने का कार्य करती नज़र आ रही है। 9 साल की बच्ची को रात में पुलिस की मौजूदगी में ही जला दिया जाता है तो राबिया का पोस्टमार्टम 1 घण्टे में ही करके एम्बुलेंस बुलाकर बॉडी परिवार को सौंप दी जाती है। दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है,
राबिया के केस में तो सिविल डिफेंस की पुलिस साफ तौर से शक के घेरे में, माँ बाप बार बार बोल रहे हैं कि राबिया के पास अवैध तरीके से फर्जी चालान काट कर करोड़ों रु जमा करने वाली तिजोरी की चाबी थी उसकी जांच अभी तक क्यूँ नही की गई, ऐसा लगता है कि हाई लेबल केस होने की वजह से केस को जानबूझ हरियाणा का बना कर उलझाया जा रहा है, जो बेटी दिल्ली में काम करती हो और उसका परिवार दिल्ली में ही रहता हो और पुलिस बोले कि यह मामला हरियाणा का है, इस केस से हमारा कोई लेना देना नही है, जबकि पुलिस में कार्यरत ज्योति नामक युवती की कॉल रिकॉर्डिंग से भी पता चलता है कि किस तरह से रविन्द्र मेहरा को गिरफ्तार किया गया और पूंछताछ के लिए राबिया को भी बुलाया गया, दिल्ली पुलिस के लिए शर्म की बात है कि परिवार वालों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु तक की मांग कर डाली, कमाल की बात है कि पुलिस परिवार की गुहार तो सुन नही रही है एक अजनबी जो मृतिका का पति बता रहा है उस पर यकीन करके केस को कमज़ोर करने पर आमादा है, इन सब मामलों की ज़िम्मेदार केंद्र सरकार व दिल्ली सरकार है। केंद्र सरकार को चाहिए कि परिवार के दर्द को समझते हुए सी बी आई जांच करवाकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सज़ा दिलवाने के प्रयास करे वरना डेमोक्रेसी में जनता ही ताकतवर होती है जो सत्ता में बैठाना भी जानती है और सत्ता से बाहर करना भी जानती है। इससे पूर्व भी राष्ट्रपति से ज्ञापन के माध्यम से भीम आर्मी दोषियों को फांसी की मांग कर चुकी है और लगातार करती रहेगी, पुतला फूंकने वालों में मंडल संरक्षक जी आर टम्टा, मंडल अध्यक्ष सिराज अहमद, ज़िला अध्यक्ष नफ़ीस अहमद खान, आज़ाद समाज पार्टी जिलाध्यक्ष मनीष गौतम, ज़िला प्रभारी सुलेमान मलिक, राजा अंसारी, दिलशाद अंसारी, फ़ाज़िल अंसारी, शाकिर मंसूरी, फैजान अंसारी, साहिल खान, गुड्डू भाई, रितिक कांत, सुंदर लाल बौद्ध, हरीश लोधी, सोनू अंसारी,

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