उत्तराखण्ड
एप्पल मिशन योजना एवं मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत काश्तकारों को पौधे उपलब्ध कराए ,,जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल,,
नैनीता
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने सोमवार को विकास खण्ड धारी के अंतर्गत राजकीय सेब उद्यान रामगढ़ एव सतबुगा पहुँचकर विभिन्न काश्तकार से मिलकर सेब के पौधों की ग्रोथ को नियंत्रित करने तथा इसके स्वास्थ्य विकास एव क्षेत्र में सेब के उत्पादन को अधिक बढ़ावा देने के लिए (प्रूनिंग) वृक्षों की काट- छांट हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम मे प्रतिभाग किया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कलासन नर्सरी के विशेषज्ञों महेंद्र वर्मा ने मौके पर ही रामगढ,भटेलिया, कसैलिया, तल्लारामगढ, हरतोला, गागर,बोहराकोट के विभिन्न काश्तकारों को सेब के पौधों की ग्रोथ को नियंत्रित करने तथा इसके स्वास्थ्य विकास को बढ़ावा देने के लिए (प्रूनिंग) वृक्षों की काट- छांट का प्रशिक्षण दिया। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पेड़ों को अच्छी ग्रोथ के लिए ओवरलैपिंग होने से बचाने की जरूरत होती है।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि विगत वर्ष राजकीय सेब उद्यान रामगढ़ में एप्पल मिशन के अंतर्गत 3 हजार पौध लगाए थे। काश्तकारों को धनराशि व पौध उपलब्ध कराने के साथ ही विशेषज्ञों के सुझाव मिल सके इसके लिए कलासान नर्सरी से एमओयू किया गया है। नर्सरी के विशेषज्ञों द्वारा साल भर में 5-6 बार फार्म का निरीक्षण किया जाने के साथ ही काश्तकारों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। काश्तकारों की समस्याओं व शंकाओ को दूर करने के लिए व्हाट्स ऐप वीडियो कॉल से जानकारी भी दी जाती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि एप्पल मिशन योजना एवं मुख्यमंत्री बागवानी योजना के तहत काश्तकारों को पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में रामगढ़ एवं मुक्तेश्वर क्षेत्र में उत्पादन बढ़ने की अपार संभावना है जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू करते हुए 18 करोड़ की योजना बनाई गई है व कोल्ड स्टोरेज बनाया जायेगा ताकि स्थानीय काश्तकार अपने उत्पादों को लम्बे समय तक स्टोरेज कर सके व अधिक से अधिक मुनाफा मिल सके। उन्होंने कहा कि रामगढ़ मुक्तेश्वर को हॉर्टिकल्चर टूरिज्म हब के रूप में विकसित करने की शासन की योजना है। कहा क्षेत्र में एप्पल के साथ ही साग सब्जी , डेरी, मुर्गी पालन,मत्स्य आदि पर भी जोर दिया जा रहा है।
इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, आनंद सिंह बिष्ट,लीलाराम टम्टा उद्यान अधिकारी भीमताल के साथ ही क्षेत्र के विभिन्न काश्तकार उपस्थित थे।