उत्तराखण्ड
निगम की उधारिता पर सवालिया निशान सुमित
अतिक्रमण के नाम पर गरीब मजबूर लोगो की रोजी रोटी छीनना हल्द्वानी नगर निगम की तुच्छ सोच और छोटी मानसिकता का जीवंत उदाहरण है। जो सरासर निंदनीय है।
अगर हल्द्वानी महानगर में कहि भी अतिक्रमण है तो सबको समय देकर उनकी रोजी रोटी की उचित व्यवस्था करके हटाना चाहिए था।
आम गरीब जनता जो कोरोना की मार झेलते हुए किसी तरह अपने परिवार और अपने को जिंदा रखे हुए है उन पर इस तरह अचानक कार्यवाही करना नगर निगम का अमानवीय व्यवहार है।
किसी गरीब के मुंह से निवाला छीनने रूपी नगर निगम के इस कृत्य का घोर विरोध करता हु।
नियम बने तो सबके लिए और लागू हो तो सब पर।