उत्तराखण्ड
सत्संग ही जीवन का आधार महात्मा सत्यबोधानंद
अजय उप्रेती लालकुंआ
सत्संग ही जीवन का आधार महात्मा सत्यबोधानंद
हल्द्वानी यहां दुर्गा कॉलोनी तल्ली हल्द्वानी स्थित श्रीमती कमला जगदीश चंद्र आर्य के आवास पर आयोजित सत्संग में सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के परम शिष्य महात्मा सत्यबोधानंद जी ने कहा कि सत्संग ही वास्तव में जीवन का आधार है क्योंकि जीवन के किसी भी पल का कोई भरोसा नहीं है सब कुछ भौतिक जगत में अर्जित किया हुआ भौतिक जगत में ही छूट जाता है लेकिन सत्संग वह अनमोल खजाना है जो लोक और परलोक दोनों सुधार देता है तथा अंत समय में व्यक्ति को सदगुरुदेव का परमधाम प्राप्त होता है महात्मा सत्यबोधानंद जी ने कहा कि सनातन धर्म में सभी वेद पुराण उपनिषद और ग्रंथों में सत्संग की महिमा का शानदार वर्णन करते हुए इसे सर्वश्रेष्ठ बताया गया है उन्होंने कहा कि रामायण के सुंदरकांड में भी सत्संग की महिमा बतलाते हुए कहा गया है कि स्वर्ग और मोक्ष के समस्त सुख भी सत्संग के एक क्षण के आनंद का मुकाबला नहीं कर सकते हैं इस अवसर पर महात्मा प्रचारिका बाई महात्मा हेमंती बाई ने भी सत्संग को भवसागर से पार उतारने वाला अनमोल साधन बताया इस दौरान कुमारी किरण दिव्या चंपा बुधलाकोटी शांति रावत मधु अग्रवाल मीना राधे राम मीना सपरा हेमा नेगी डीएस नेगी सत्यवती कश्यप दीक्षा आदि मौजूद थे