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उत्तराखण्ड

वैसाखी के पावन पूरब के उपलक्ष्य में धार्मिक दीवान सजाया गया।,,


हलद्वानी ,,वैसाखी के पावन पूरब के उपलक्ष्य में आज शाम को गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा,हल्द्वानी में धार्मिक दीवान सजाया गया।
रहरास साहिब के पाठ से शाम के दीवान की अरम्भता हुई।उपरन्त हजूरी रागी भाई परमजीत सिंघ जी ने कीर्तन आरम्भ करा उपरन्त विशेष तौर पर,अम्बाला से आये प्रचारक भाई दिपेनदर सिंघ जी ने वैसाखी के इतिहास के बारे में विस्त्रित जानकारी दी।उनोहने बताया खालसा मतलब शुद्ध। हर वो इंसान जिसके मन मे मजलूम ,गरीब के लिए दया,तरस एवं जुल्म के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत हो,जो एक परमात्मा के अलावा किसी से न डरता हो न किसी को डराता हो खालसा बनने योग्य है।उनोहने बताया कि गुरु साहिब की लड़ाई किसी धर्म के विरुद्ध नही थी उनकी लड़ाई तो जुल्म,अत्याचार के खिलाफ थी।उसके बाद भाई जसपाल सिंघ जी,दलजीत सिंघ जी हल्द्वानी वाले एवं बाहर से आये भाई गगन दीप सिंघ जी श्री गंगानगर वाले के जत्थे ने शब्द कीर्तन की हाज़री भरी।भाई साहिब ने शब्द खालसा मेरी जान की जान, अम्रित पीवोह सदा चिर जीवो आदि शब्दो का गायन करके संगत को निहाल कर दिया।समूह संगत ने भाई साहिब के साथ शब्दो का गायन करा।

सन्न 1699 को वैसाखी वाले दिन गुरु गोविंद सिंघ जी ने श्री केशगढ साहिब मैं पाँच पियारो को अमृत छकाया फिर उन्हीं से खुद अमृत छका

तभी से अमृत संचार होता है हर धर्म की अपनी अपनी मर्यादा है जिस को अपना कर इंसान उस धर्म को ग्रहण करता है।
सिख धर्म मे प्रवेश करने की रीति अमृत छकना है।जो व्यक्ति अमृत
छकता है वह गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने पांच प्यारो के समक्ष ये प्रण करता है कि वह आज के बाद
1.केसों की बेअदबी नही करेगा
2.किसी भी प्रकार का नशा नही करेगा
3.कुठा हलाल मास का सेवन नही करेगा
4.पर इस्त्री/पर मर्द का साथ नही करेगा
गुरद्वारा सिंघ सभा मे अमृत संचार 15.4.23 सुबह 9 बजे शुरू होगा।
इसी क्रम मैं आज 14.4.23 को
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा हल्द्वानी मैं
प्रात 8 से 2 बजे तक गुरमत समागम होंगे
और 14.4.23 को
गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब राजेंद्र नगर हल्द्वानी मैं शाम 8 से 10 बजे तक
गुरमत समागम होंगे
गुरद्वारा साहिब के अध्यक्ष रंजीत सिंघ,ने आयी संगत का धन्यवाद करा।
जनरल सेक्टरी जगजीत सिंघ, केशियर रविंदरपाल सिंघ, तेजिंदर सिंघ कमेटी मेंबर मनप्रीत सिंघ, परमजीत सिंघ, अमन पाल सिंघ नरेंद्र जीत सिंघ, जसपाल सिंघ, मंजीत सिंघ, राजु, अमरीक सिंघ आदि मौजूद रहे,14.4.23 वैसाखी वाले दिन सुबह से दिवान सजेंगे। 2 बजे समाप्ति के बाद गुरु का लंगर अटूट बरतेगा।,,,

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