उत्तराखण्ड
मुलायम सिंह यादव की 85वीं जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन,,
हलद्वानी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय आहवान पर समाजवादी पार्टी के संस्थापक देश के पूर्व रक्षा मंत्री,व ३ बार के उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री निवर्तमान में लोकसभा सांसद रहे स्वo माननीय मुलायम सिंह यादव की 85वीं जयंती पर उत्तराखण्ड समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी के कार्यालय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया । जहाँ प्रातः से ही मा० मुलायम सिंह यादव जी को श्रद्धांजली देने वालों का ताँता लगा रहा ।सर्वप्रथम उत्तराखण्ड समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी ने अपने तमाम साथियों के साथ मा० मुलायम सिंह यादव जी के चित्र पर माल्यार्पण एव पुष्प अर्पित कर श्रंधाजलि अर्पित की। तद्उपरान्त एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया विचार गोष्ठि को सम्बोधित करते हुए सपा. उत्तराखण्ड प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीक़ी ने कहा कि माo मुलायम सिंह यादव जैसा नेता सदियों में एक आद ही पैदा होता है।नेता जी से लेकर उन्हें जितनी भी उपाधि मिली हैं । सब उनके कार्यों के कारण ही मिली है चाहे उसमें धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव हो ।चाहे जिसका जलवा क़ायम हे उसका नाम मुलायम है ।नेता जी सुभाष चन्द बॉस के बाद किसीको नेताजी की उपाधि मिली तो वह थे ।मा० मुलायम सिंह यादव इसी के साथ ही अब्दुल मतीन ने कहा मा० मुलायम सिंह यादव उत्तराखण्ड के सबसे बड़े हितेषी थे । उन्होंने यहाँ की भौगोलिक व आर्थिक परस्तिथि को देखते हुए उत्तराखण्ड अलग राज्य बनाने का सपना देखा था ।जिसके लिये उन्होंने कोशिक क्मेटी व बर्थवाल कमेटी का गठन करके उत्तराखण्ड राज्य बनाने की शुरुआत करने के साथ साथ दो बार उत्तर प्रदेश के दोनो सदनों विधानसभा व विधान परिषद से उत्तराखण्ड का बिल पास कराके केंद्र सरकार को भेजा।लेकिन जिस उत्तराखण्ड का सपना मा० मुलायम सिंह यादव जी एवं यहाँ की जन्ता ने देखा था ।आज उत्तराखण्ड की तस्वीर बिल्कुल उसके विपरीत है। बेरोज़गारी, पलायन,भ्रष्टाचार,अपराध सभी चरम सीमा पर है।साथ ही श्री सिद्दीक़ी ने कहा कि माo मुलायम सिंह यादव जी किसानों ग़रीबों व्यापारियों छात्रों कर्मचारियों सहित सभी वर्गों के सच्चे हितेषी थे ।और उन्होंने सभी वर्गों के लिये भरपूर कार्य किये ।विशेष रूप से अपने रक्षा मंत्री के कार्यकाल में सेना का मनोबल बड़ाने के साथ-साथ हमारे शहीद जवानों का शव ससम्मान उनके घर पहुँचाने के साथ-साथ पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अन्तिम संस्कार कराने का जो कार्य किया है ।वह अपने आप में एक एतिहासिक फ़ैसला है ।इससे पूर्व शहीद की बेल्ट और टोपी उनके घर आती थी।अंत में श्री सिद्दीक़ी ने कहा कि मा० नेता जी के अधूरे सपनों को पूरा करना ही उनको सच्ची श्रंधाजली होगी ।साथ ही उन्होंने कहा नेता जी की कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं था। वह जो कहते थे। वही करते थे। उत्तराखण्ड के पर्वर्तीय इलाकों में जितना विकास माननीय नेता जी की सरकार के समय में हुआ है।अभी तक की कोई भी सरकार पर्वतीय इलाकों में इतना काम नहीं करा पाई है।गोष्ठी को सम्बोधित करने एवं जयन्ती कार्यक्रम में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से एडवोकेट सुरेश परिहार,जावेद सिद्दीक़ी,पार्षद इस्लाम मिकरानी,अलीम अंसारी,मेराज खाँ,अज़हर मलिक,वक़ारअहमद,फ़हीम अहमद,रेहान मलिक,उमैर मतीन,वकील अहमद,(पप्पू)गौरव गुप्ता,अर्जुन राठौर,ज़ाहिद खाँ, हिना यादव, शकील अंसारी, सलीम सैफी,अनवर क़ुरैशी,राजू सिद्दीक़ी,नासिर हुसैन,अथर क़ुरैशी,रेहान क़ुरैशी, सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे।