Connect with us

उत्तराखण्ड

भारत-नेपाल सीमा समन्वय समिति की बैठक यूआईआरडीए सभागार में सम्पन्न,,

रूद्रपुर भारत-नेपाल सीमा समन्वय समिति की बैठक यूआईआरडीए सभागार में सम्पन्न हुई। जिसमें नेपाल के जनपद कंचनपुर तथा कैलाई व भारत के ऊधम सिंह नगर, चम्पावत, पीलीभीत तथा लखीमपुरखीरी के आला अफसरों द्वारा प्रतिभाग किया गया। नेपाल के अधिकारियों के यूआईआरडीए पहुॅचने पर जिला प्रशासन ने गार्ड ऑफ ऑनर देने के साथ ही पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया तथा स्थानीय हस्तशिल्प उत्पाद भेट किये।
बैठक की शुरूआत दोनों देशों के राष्ट्रीय गान से शुरू हुई। बैठक में 17 बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त तथा मुख्य जिलाधिकारी कंचनपुर गोपाल प्रसाद आर्यल ने कहा कि भारत-नेपाल के मित्रता संबंध ऐतिहासिक व सकारात्मक रहें है तथा बहुत घनिष्ठ बने हुएं है। उन्होंने कहा कि संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए दोनो देशों की सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को आपस में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि शांति एवं सुरक्षा के लिए दोनो तरफ से काम किया जाना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दोनो राष्ट्रों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने के लिए संवाद गतिविधियों का मजबूत बना रहना अति आवश्यक है।
बैठक में जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त ने कहा कि दोनो देशों की सीमा क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों में आपसी प्रेम, सद्भाव तथा सौहार्द बना रहे और आवागमन सरल व सुलभ हो। उन्होंने कहा कि नेपाल राष्ट्र के 20 नवम्बर को होने वाले संसदीय चुनाव के दौरान भी कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने में हर संभव मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि दोनो देशों में कानून एवं शान्ति व्यवस्था तथा नेपाल में इलेक्शन को देखते हुए दोनो राष्ट्रों की पुलिस, एसएसबी, एवं प्रशासन के बीच एक बेहतर समन्वय होना बहुत जरूरी है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदान समाप्ति से 72 घण्टे पूर्व भारत-नेपाल सीमा को सील किया जाएगा। दोनों राष्ट्रों में कानून एवं शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मानव तस्करों, ड्रग्स एवं मादक पदार्थ तस्करों, वन एवं वन्य जीव तस्करों अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की सूची आपस में साझा की जायगी तथा संदिग्ध व्यक्तियों पर संयुक्त रूप से पैनी नज़र रखी जायेगी। सूचनाओं के तेजी से आदान प्रदान हेतु व्हाट्सअप ग्रुप बनाया जायेगा, उच्चाधिकारियों के साथ ही निचले स्तर के अधिकारी भी आपसी समन्वय से कार्य करेंगे। भारत-नेपाल सीमा पर मिसिंग प्लरों का संयुक्त सर्वे किया जायेगा। नेपाल के कंचनपुर एवं कैलाली में पोस्टल हाईवे को पूरा करने में नियमानुसार हर संभव मदद की जायेगी।
इसके साथ ही भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा, नो मैन्स लैण्ड पर अतिक्रमण, कस्टम, खाद तथा अन्य उत्पादों की तस्करी, जाली नोटो के प्रवाह एवं तस्करी, वाहनों की तस्करी, जन सामान्य की आवाजी, कानून व्यवस्था, वीवीआईपी तथा गणमान्य व्यक्तियों के दौरे आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक का संचालन मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा ने किया।
बैठक में एसएसपी मंजूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, कमानडेन्ट एसएसबी अनिल कुमार, अपर जिलाधिकारी चम्पावत हेमन्त कुमार वर्मा, एडीएम पीलीभीत सूरज यादव, अपर जिलाधिकारी यूएसएन जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी कार्तिकेय सिंह, नेपाल की ओर से मुख्य जिलाधिकारी कंचनपुर गोपाल प्रसाद आर्यल, मुख्य जिलाधिकारी कैलाली किरन थापा, सीएसओ सुदर्शन सिंह, एसीडीओ अशोक कुमार भण्डारी, एसपी श्याम सिंह चौधरी, अम्मार बहादुर, सामेन्द्र सिंह राठौर, धन बहादुर सिंह, डीआईडी पवन जोशी, चीफ कस्टम ऑफीसर धुरबाराज बीके, राजेन्द्र कुमार हमाल अलावा स्थानीय स्तर से उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, एसपी सिटी मनोज कत्याल आदि उपस्थित थे।

Ad
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

  • उत्तराखण्ड

    भक्ति का सुगंध बिखेरते हुए 58वें निरंकारी सन्त समागम का सफलतापूर्वक समापन

    By

    जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक उपलब्धियों में नहीं बल्कि आत्मिक उन्नति में निहित है सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज हल्द्वानी ‘‘जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक उपलब्धियों में नहीं बल्कि आत्मिक उन्नति में निहित है।’ये उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने महाराष्ट्र के 58वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के तीसरे एवं समापन दिवस पर लाखों की संख्या में उपस्थित मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। इस तीन दिवसीय समागम का कल रात विधिवत रूप में सफलता पूर्वक समापन हो गया। सतगुरु माता जी ने आगे कहा कि मनुष्य जीवन को इसलिए ऊँचा माना गया है, क्योंकि इस जीवन में आत्मज्ञान प्राप्त करने की क्षमता है। परमात्मा निराकार है, और इस परम सत्य को जानना मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए। अंत में सतगुरु माता जी ने फरमाया कि जीवन एक वरदान है और इसे परमात्मा के साथ हर पल जुड़कर जीना चाहिए। जीवन के हर पल को सही दिशा में जीने से ही हमें आत्मिक सन्तोष एवं शान्ति मिल सकती है, हम असीम की ओर बढ़ सकते हैं। इसके पूर्व समागम के दूसरे दिन सतगुरु माता जी ने अपने अमृत वचनों में कहा कि जीवन में भक्ति के साथ कर्तव्यों के प्रति जागरुक रहकर संतुलित जीवन जियें यह आवाहन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने पिंपरी पुणे में आयोजित 58वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन शाम को सत्संग समारोह में विशाल रूप में उपस्थित श्रद्धालुओं को किया। सतगुरु माताजी ने फरमाया कि जैसे एक पक्षी को उड़ने के लिए दोनों पंखों की आवश्यकता होती है, वैसे ही जीवन में भक्ति के साथ साथ अपनी सामाजिक एवं पारिवारिक जिम्मदारियों को निभाना अति आवश्यक है। यदि कोई केवल भक्ति में ही लीन रहते हैं और कर्मक्षेत्र से दूर भागने का प्रयास करते हैं तो जीवन संतुलित बनना सम्भव नहीं। दूसरी तरफ भक्ति या आध्यात्मिकता से किनारा करते हुए केवल भौतिक उपलब्धियों के पीछे भागने से जीवन को पूर्णता प्राप्त नहीं हो सकती। सतगुरु माताजी ने आगे समझाया कि वास्तव में भक्ति और जिम्मेदारियों का निर्वाह का संतुलन तभी सम्भव हो पाता है जब हम जीवन में नेक नीयत, ईश्वर के प्रति निष्काम निरिच्छित प्रेम और समर्पित भाव से सेवा का जज्बा रखें। केवल ब्रह्मज्ञान प्राप्त करना काफी नहीं, बल्कि उसे अपने जीवन में अपनाना भी आवश्यक है। एक उदाहरण के द्वारा सतगुरु माता जी ने समझाया कि जैसे कोई दुकानदार अपने काम को पूरी ईमानदारी और संतुलन के साथ करता है, ग्राहक को मांग के अनुसार सही नापतोल करके माल देता है और उसका उचित मूल्य स्वीकारता है। अपने कार्य में पूरी तरह से संतुलन बनाए रखता है। इसी तरह भक्त परमात्मा से जुड़कर हर कार्य उसके अहसास में करता रहता है, सत्संग सेवा एवं सिमरण को प्राथमिकता देता है, यही वास्तविकता में भक्ति का असली स्वरूप है। इसके पहले आदरणीय निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपने विचारों में कहा कि भक्ति का उद्देश्य परमात्मा के साथ एक प्रेमपूर्ण नाता जोड़ने का हो। इसके लिए संतों का जीवन हमारे लिए प्रेरणास्रोत होता है जो हमें अपनी आत्मा का मूल स्वरूप परमात्मा को जानकर जीवन का विस्तार असीम सच्चाई की ओर बढ़ाने की शिक्षा देता है। आपने बताया कि हमें अपनी आस्था और श्रद्धा को सच्चाई की ओर मोड़ना चाहिए और हर पल कदम में परमात्मा के प्रेम को महसूस करना चाहिए तभी सही मायनो में भक्ति का विस्तार सार्थक होगा। समागम की कुछ झलकियां कवि दरबार             समागम के तीसरे दिन एक बहुभाषी कवि दरबार का आयोजन किया गया जिसमें जिसका विषय था ‘विस्तार – असीम की ओर।’महाराष्ट्र के अतिरिक्त देश के विभिन्न स्थानों से आए हुए 21 कवियों ने मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कोंकणी, भोजपुरी आदि भाषाओं में इस कवि दरबार में काव्य पाठ करते हुए मिशन के दिव्य सन्देश को प्रसारित किया। श्रोताओं द्वारा कवियों की भूरि भूरि प्रशंसा की गई।             मुख्य कवि दरबार के अतिरिक्त समागम के पहले दिन बाल कवि दरबार एवं दूसरे दिन महिला कवि दरबार का आयोजन लघु रूप में किया गया। इन दोनों लघु कवि दरबार कार्यक्रमों में मराठी, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं के माध्यम से 6 बाल कवि एवं 6 महिला कवियों ने काव्य पाठ किया जिसकी श्रोताओं द्वारा अत्यधिक प्रशंसा की गई।  निरंकारी प्रदर्शनी...

  • उत्तराखण्ड

    विशाल वर्मा बने अखिल एकता उद्योग व्व्यापार मण्डल के जिला अध्यक्ष और हर्षित तिवारी जिला प्रभारी,

    By

    हल्द्वानी आज अखिल एकता उद्योग व्यापार मण्डल के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष जी अनुज कांत अग्रवाल जी...

  • उत्तराखण्ड

    स्वतंत्र भारत के इतिहास में उत्तराखण्ड यू.सी.सी लागू करने वाला बना देश का पहला राज्य।,

    By

    मुख्यमंत्री ने किया समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण। यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी किया...

  • उत्तराखण्ड

    प्रकाश आर्य ने मण्डल अध्यक्ष के निष्कासन की करी मांग।,

    By

    भवाली: भाजपा के पालिकाध्यक्ष प्रत्याशी रहे प्रकाश आर्य ने पार्टी संगठन से मण्डल अध्यक्ष के निष्कासन...

Trending News

Follow Facebook Page