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उत्तराखण्ड

एमबीपीजी महाविद्यालय के हिंदी निष्पक्ष एवं निडर पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर पी जी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने की मांग की है

निष्पक्ष एवं निडर पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अगले दिन बुधवार को एमबीपीजी महाविद्यालय के हिंदी निष्पक्ष एवं निडर पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती के अगले दिन बुधवार को एमबीपीजी महाविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ जगदीश चंद्र जोशी द्वारा पत्रकारिता पर आधारित यूजी और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने के उद्देश्य से प्रस्ताव बनाने की अनुमति हेतु प्राचार्य को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसे प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर बीआर पंत द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गयी। डॉ जोशी ने जानकारी दी कि पत्रकारिता से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित होने से स्थानीय विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। हल्द्वानी के आसपास के किसी भी महाविद्यालय में पत्रकारिता से संबंधित कोई भी पाठ्यक्रम संचालित नहीं है। जिसके कारण कुमाऊं के प्रवेश द्वार पर स्थित उत्तराखंड के सर्वाधिक छात्र संख्या वाले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान समय में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ डिजिटल मीडिया के आ जाने से इस पाठ्यक्रम की और अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही थी। प्राचार्य डॉ बीआर पंत ने प्रस्ताव बनाने की अनुमति देते हुए कहा कि एमबीपीजी के हिंदी विभाग में पत्रकारिता संबंधी यूजी और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम निश्चित रूप से युवाओं को रोजगार प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। के सहायक प्राध्यापक डॉ जगदीश चंद्र जोशी द्वारा पत्रकारिता पर आधारित यूजी और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने के उद्देश्य से प्रस्ताव बनाने की अनुमति हेतु प्राचार्य को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसे प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर बीआर पंत द्वारा अनुमति प्रदान कर दी गयी। डॉ जोशी ने जानकारी दी कि पत्रकारिता से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित होने से स्थानीय विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। हल्द्वानी के आसपास के किसी भी महाविद्यालय में पत्रकारिता से संबंधित कोई भी पाठ्यक्रम संचालित नहीं है। जिसके कारण कुमाऊं के प्रवेश द्वार पर स्थित उत्तराखंड के सर्वाधिक छात्र संख्या वाले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्द्वानी के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान समय में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ डिजिटल मीडिया के आ जाने से इस पाठ्यक्रम की और अधिक आवश्यकता महसूस की जा रही थी। प्राचार्य डॉ बीआर पंत ने प्रस्ताव बनाने की अनुमति देते हुए कहा कि एमबीपीजी के हिंदी विभाग में पत्रकारिता संबंधी यूजी और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम निश्चित रूप से युवाओं को रोजगार प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।

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