उत्तराखण्ड
किरण नेगी को न्याय दिलाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को माले ने ज्ञापन भेजा,,,
• किरण नेगी को न्याय दिलाने की मांग
• आइसा और माले ने राष्ट्रपति महोदय को हस्तक्षेप करने की मांग का ज्ञापन भेजा
छात्र संगठन आइसा और भाकपा (माले) द्वारा भारत के महामहिम राष्ट्रपति से किरण नेगी प्रकरण में हस्तक्षेप की मांग करते हुए केंद्र व दिल्ली सरकार को किरण नेगी को न्याय दिलाने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने समेत न्याय हेतु प्रभावी उपाय करने हेतु निर्देशित करने की मांग की गई. इस हेतु तहसील लालकुआं के माध्यम से ज्ञापन राष्ट्रपति महोदय को भेजा गया.
भाकपा (माले) नैनीताल जिला सचिव डॉ कैलाश पांडेय ने कहा कि, “कोई भी इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि किरण नेगी का अपहरण करके हत्या कर दी गयी. क्या इसे इंसाफ कहा जा सकता है कि एक युवती के अपहरण, बलात्कार और हत्या के प्रकरण में एक दशक के बाद सब आरोपी बरी कर दिये जाएं और किसी को कोई सजा न हो? क्या हत्यारे और बलात्कारियों को कानून की पेचीदगी का फायदा उठा कर खुला घूमने की अनुमति दी जानी चाहिए. महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के विज्ञापनों पर अरबों रुपये खर्च करने वाली मोदी सरकार महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कब पहल करेगी?”
आइसा नेता दिव्या पनेरू ने कहा कि, “किरण नेगी को न्याय दिलाने के लिए सभी लोगों को एकजुट होकर सरकारों पर दबाव बनाना चाहिये. वरना अंकिता से लेकर किरण तक सभी लड़कियां सरकारों की निष्क्रियता के चलते अन्याय का शिकार होती रहेंगी और दोषी खुलेआम घूमते रहेंगे.”
गौरतलब है कि 09 फरवरी 2012 को दिल्ली में दफ्तर से लौट रही किरण नेगी का हनुमान चौक, कुतुब विहार छवाला से अपहरण कर लिया गया. तीन दिन बाद उसका शव बरामद हुआ. इसी बीच यह पुलिस जांच में सामने आया कि राहुल, उसके भाई रवि और एक अन्य व्यक्ति विनोद ने किरण नेगी का अपहरण किया और बलात्कार के बाद उसकी हत्या करके शव झज्जर में खेतों फेंक दिया. फास्ट ट्रैक कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोपियों को मृत्यदंड की सजा सुनाई. परंतु उच्चतम न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपियों को बरी कर दिया.
ज्ञापन देने वालों में भाकपा (माले) नैनीताल जिला सचिव डॉ कैलाश पांडेय, आइसा नेता दिव्या पनेरू, संजना यादव, धीरज कुमार, विकास सक्सेना, रितेश प्रजापति, ललित मटियाली, कमल जोशी, निर्मला शाही, शिव सिंह आदि शामिल रहे.