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उत्तराखण्ड

साहित्यकार ललित मोहन रयाल की नवीनतम कृति ‘कल फिर जब सुबह होगी’ का विमोचन 12 अगस्त को। गढ़रत्न नरेन्द्र नेगी के 75 वें जन्मदिन पर उत्कृष्ट भेंट।

वरिष्ठ लेखक अनिल रतूड़ी के अनुसार इस पुस्तक के लेखक ललित मोहन रयाल ने नरेन्द्र सिंह नेगी के समग्र गीत-संसार में से, ऐसे 101 प्रतिनिधि गीतों को चुनकर शामिल किया है, जो नेगी जी के रचनात्मक विस्तार का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन गीतों में निहित भावनाओं-विचारों पर गहन शोध करके लेखक ने पर्वतीय परिवेश, जनजीवन, संस्कृति जैसे विषयों को सरल, पठनीय और रुचिकर तरीके से प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक प्रदेशवासियों, प्रवासियों को रुचिकर लगेगी। खास तौर पर उन विद्यार्थियों, सौंदर्यशास्त्रियों के लिए यह पुस्तक उपयोगी साबित होगी, जो मानव मन की सार्वभौमिक अभिव्यक्ति में रुचि रखते हैं।

साहित्यकार ललित मोहन रयाल की विभिन्न विधाओं में अब तक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन्हें पाठकों का भरपूर प्यार मिला। खड़कमाफी की स्मृतियों से, अथश्री प्रयाग कथा, कारी तु कब्बि ना हारी, चाकरी चतुरंग। इसके साथ ही समय-समय पर लेखकों, कृतियों पर आधारित उनके लेख संपादित पुस्तकों में प्रकाशित होते रहते हैं। श्री रयाल ने कुशल समीक्षक के रूप में कई पुस्तकों की सारगर्भित समीक्षाएं भी की हैं। लेखक ललित मोहन रयाल के कई साक्षात्कार यूट्यूब चैनलों पर सहज उपलब्ध हैं। प्रस्तुति – डॉ. सन्तोष मिश्र

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