उत्तराखण्ड
• विधानसभा चुनाव की तैयारी हेतु माले की बैठक डॉ कैलाश पांडेय
• विधानसभा चुनाव की तैयारी हेतु माले की बैठक
• जनमुद्दों को उठाते हुए तीनों कम्युनिस्ट पार्टियां संयुक्त रूप से “भाजपा को हराओ, वाम विपक्ष का निर्माण करो” के नारे के साथ चुनाव में उतरेंगी : राजा बहुगुणा
• लालकुआं विधानसभा से पार्टी उम्मीदवार की घोषणा शीघ्र की जायेगी
भाकपा (माले) द्वारा लालकुआं विधानसभा चुनाव की तैयारी हेतु मीटिंग का आयोजन पार्टी कार्यालय बिन्दुखत्ता में किया गया। लालकुआं विधानसभा स्तरीय बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए बूथ स्तरीय ढांचे बनाने पर जोर दिया गया। भाजपा सरकार द्वारा बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव समेत लालकुआं विधानसभा के बुनियादी मुद्दों पर किये गए धोखे पर जवाबदेही को चुनाव में केंद्रीय सवाल बनाया जायेगा।
भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, “मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पूरे देश के साथ उत्तराखण्ड के लिए भी आपदा ही साबित हुई है। भू कानून में संशोधन और ऑल वेदर रोड के निर्माण जैसे निर्णयों ने भाजपा की राज्य विरोधी मानसिकता को स्पष्ट उजागर कर दिया है। राज्य बनने के इक्कीस सालों में बारी बारी से आने वाली भाजपा-कांग्रेस की सरकारों ने जनविरोधी नीतियों को ही लागू किया है। विडंबना यह है कि राज्य में जनता के सवालों को उठाने वाला विपक्ष भी नदारद रहा है इसलिए राज्य विधानसभा को जनता के सवालों पर लड़ने वाले विपक्ष की जरूरत है। इसलिए राज्य में तीनों कम्युनिस्ट पार्टियों ने मिलकर संयुक्त रूप से ‘भाजपा को हराओ, वाम विपक्ष का निर्माण करो’ के नारे के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा कि, “लालकुआं विधानसभा की जनता के साथ मोदी के नेतृत्व में चल रही डबल इंजन सरकार ने डबल धोखा दिया है। लालकुआं के मालिकाना हक, बिन्दुखत्ता राजस्व गाँव, वन खत्तों के स्थायीकरण, धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने की गारंटी, सड़क, पानी, आवारा पशुओं का आतंक, सेंचुरी मिल प्रदूषण, रोजगार, दूध पालकों को लाभकारी मूल्य समेत सभी सवालों पर भाजपा सरकार और लालकुआं विधायक फेल साबित हुए हैं। इसलिए लालकुआं विधानसभा से ऐसा विधायक चुना जाना चाहिए जो विधानसभा में पहुँचकर जनता के विधायक की भूमिका निभा कर यहां के मुख्य सवालों को जोरदार तरीके से उठाने का काम कर सके। इसके लिए लालकुआं विधानसभा से प्रत्याशी की घोषणा शीघ्र ही की जायेगी।”
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा ने कहा कि, “मोदी-योगी की सरकारें किसान आंदोलन के दमन की सारी हदें पार कर चुकी हैं, लखीमपुर कांड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। आज का किसान आंदोलन नए कंपनी राज के खिलाफ नई आज़ादी की लड़ाई का स्वरूप ग्रहण करता जा रहा है। आज़ादी की लड़ाई अंग्रेजों के पुराने कम्पनी राज के खिलाफ देश को आज़ादी दिलाने के लिए थी आज मोदी सरकार द्वारा बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानूनों में संशोधन के माध्यम से लाये जा रहे नए कम्पनी राज के खिलाफ नयी आज़ादी की लड़ाई चल रही है। देश की आर्थिक संप्रभुता बचाने के लिए चल रहा किसानों का यह संघर्ष अम्बानी अडानी के कॉरपोरेट राज को देश में स्थापित नहीं होने देगा।”
कार्यक्रम की शुरुआत लखीमपुर के किसान शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, माले जिला सचिव डॉ कैलाश पाण्डेय, भुवन जोशी, गोविंद जीना, नैन सिंह कोरंगा, पुष्कर सिंह दुबड़िया, किशन बघरी, बिशन दत्त जोशी, चंदन राम, मदन सिंह धामी, त्रिलोक सिंह दानू, हरीश भंडारी, धीरज कुमार, विजय राम, पार्वती जग्गी, दान सिंह मेहरा, निर्मला शाही, सुरमा देवी, एन डी जोशी, पनीराम, माधो राम, किशन राम, ललित जोशी, स्वरूप सिंह दानू, शिव सिंह आदि मौजूद रहे। बैठक का संचालन पार्टी के बिन्दुखत्ता सचिव ललित मटियाली ने किया।