उत्तराखण्ड
इन गरीब सिखन को दु पातशाई,यह याद रखे हमरी गुरयाई,
हल्द्वानी,, वैसाखी के पावन पर्व पर गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा,हल्द्वानी में धार्मिक दीवान की अमृत वेले से अरम्भता हुई।सुबह से ही संगत का गुरद्वारा साहिब में आना शुरू हो गया।जहाँ हजूरी रागी भाई नानक सिंघ जी ने रोजाना की तरह आसा दी वार का कीर्तन करा वही *नौजवान बच्चों * ने रसभिना कीर्तन कर के संगत का मन मोह लिया।उपरन्त *शाहबाद मारकंडे से आये बीबियों के जत्थे बीबी कवलजीत कौर मसकीन एवं साथियो ने कीर्तन करके संगत को निहाल कर दिया। उनोहने “अमृत पीवो सदा चिर जीवो”।।”अमृत रस हर कीर्तनों को विरला पीवै” ।एवं “झिम झिम वरसे अमृतधारा” आदि शब्दो का गायन करा। उपरन्त चंडीगड़ से आई बीबी हरजिंदर कौर, ex मेयर चंडीगड़ ने वैसाखी व खालसा प्रगट दिवस पर अपने विचार रखे ।उन्होंने बताया कि खालसा बनाने की नींव तो गुरु नानक साहिब ने ही रख दी थी।’मारया सिक्का जगत विच ,नानक निर्मल पंथ चलाया” ।1699 की वैसाखी पर गुरु गोबिंद सिंघ जी ने इस पर अंतिम मोहर लगा दी।जहाँ गुरु साहिब ने सिख धर्म मे प्रवेश करने के लिए खंडे बाटे की पाहुल को जरूरी कर दिया वहीँ हर अमृतधारी के लिए पांच ककार,4 कुरहते,पांच बाणियो का पाठ करना भी मुकरर कर दिया।उनोहने विस्तार से समझाया कि गुरु साहिब का पांच प्यारो के चयन के पीछे भी बहुत लंबे समय की विचार,सोच व दूरदृष्टि थी।अंत मे *गुरु घर के वजीर भाई अमरीक सिंघ जी* ने अरदास एवं हुकमनामा ले कर प्रोग्राम की सम्पूर्णता करी। मुख्य सेवादार स.रंजीत सिंघ जी ने सभी संगत को वैसाखी की बधाई दी। स्टेज का संचालन जनरल स्केटरी जगजीत सिंघ ने करा।सभी कमेटी मेंबर्स ने बाहर से आये रागी,प्रचारक एवं सभी सेवादारो का धन्यवाद करा।उपरंत सभी संगत ने लंगर छका व गुरु साहिब का धन्यवाद करा।प्रोग्राम में कमेटी मेंबर रविंदरपाल सिंघ,तजिंदर सिंघ,बलविंदर सिंघ,सतपाल सिंघ,अमनपाल सिंघ,जगमोहन सिंघ,मनप्रीत सिंघ,सतवंत सिंघ आदि मौजूद रहे।
नोट:- दिनांक 12.4.24 को सुबह 10 बजे गुरद्वारा श्री गुरु सिंघ सभा मे अमृत संचार भी हुआ जिसमें 25 प्राणियों ने अमृत छका।