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उत्तराखण्ड

हरिद्वार में आयोजित तथाकथित धर्म संसद के वक्ताओं ने अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों के खिलाफ पूरी तरह से आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है,

हल्द्वानी भीम आर्मी संरक्षक जी आर टम्टा जी के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन प्रेषित कर धर्म संसद के में वक्ताओं द्वारा विवादित भाषणों को अवगत कराते हुए मांग की गई कि हरिद्वार में आयोजित तथाकथित धर्म संसद के वक्ताओं ने अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों के खिलाफ पूरी तरह से आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है, जो संवैधानिक रूप से बहुत बड़ा अपराध है। बेहद भद्दी भाषा के साथ मुसलमानों के नरसंहार के लिए वक्ताओं ने जिस तरह वहाँ उपस्थित लोगों को ललकारते हुए उत्तेजित किया है वह साम्प्रदायिक घृणा का सबसे बड़ा संगीन उदाहरण है, वर्तमान सरकार का ट्रैक रिकार्ड भी देखें तो पाएंगे कि कोई भी बुद्धिजीवी या सामाजिक व्यक्ति इस तरह के आपराधिक कृत्यों के खिलाफ कुछ बोलता है तो सरकार का क्रोध और विरोध का सामना करना पड़ता है और उस पर कानून की इतनी धाराएं जैसे कि देशद्रोह, यू ए पी ए आदि उस पर थोप दी जाती हैं कि उनका जीवन जेल में ही खत्म हो जाता है व उनसे बाहर निकलने में लम्बा समय लग जाता है, जबकि नरसंहार की धमकी देने वाले गुंडों को पूरी आजादी है। वह आज भी चैनलों या प्रचार माध्यमों से समाज मे ज़हर घोल रहे हैं, यहां तक कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसी महान हस्ती को भी खुलेआम मंच से गालियां दी गईं, ईसाई धर्म के बड़े दिन को मनाने पर भी रोक लगाने का प्रयास करते हुए होटल वालों को धमकी दी गई कि अगर होटलों में बड़ा दिन मनाया गया तो अपने शीशों के खुद ज़िम्मेदार होंगे, नफरती भाषणों के बावजूद राज्य और केंद्रीय सरकार की चुप्पी देश के लिए बेहद खतरनाक है। देश की शांति वियवस्था और साम्प्रदायिक सद्धभाव के लिए बड़ा खतरा है, एक वक्ता ने मुस्लिमों के नरसंहार के लिए संस्था बनाने वाले को एक करोड़ रु खुद देने और 100 करोड़ का चंदा करके देने का आग्रह किया, यह भी कहा कि अगर 100 हिन्दू एक मिलियन मुसलमानों को मार देते है तो इसे हिंदुओं की जीत माना जायेगा, उपरोक्त वक्तव्य से कानून की धज्जियां उड़ाते हुए संविधान की सर्वोच्चता और भारतीय शासन पर भी उंगली उठ रही है, देश मे ही नही बल्कि विदेशों में भी भारत की छवि को धूमिल हो रही है।
महामहिम से अनुरोध किया गया कि उपरोक्त ज्वलन मुद्दे पर अविलम्ब संज्ञान लेते हुए देश की एकता और अखंडता को खंडित करने वाले तथाकथित बाबाओं पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश पारित करने की कृपा करें अन्यथा जनता को साथ लेकर भीम आर्मी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने के लिये बाध्य होगी जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
ज्ञापन देने वालों में जी आर टम्टा, सिराज अहमद, नफ़ीस अहमद खान, शकील अंसारी पार्षद, विकास कुमार, हरीश लोधी, बाल किशन राम, मोहम्मद फैसल, अलीम खान, मोनू कुमार, जी आर आर्य, मोहम्मद फुरकान, अहमद अली, अज़ीम खान, इश्तियाक अहमद,

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