उत्तराखण्ड
हरेला कुमाऊँ का अत्यन्त प्राचीन एवं प्रसिद्व त्योहार है
हल्द्वानी
हरेला कुमाऊँ का अत्यन्त प्राचीन एवं प्रसिद्व त्योहार है सावन मास के प्रथम दिन यह त्योहार मनाया जाता है, लोक जीवन मे इस पर्व की विशेष महत्ता है, हरियाली ग्रीष्म ऋतु मंे सूखे व मुरझाये वनस्पति संसार के पुनर्जीवन का प्रतीक है। इस पर्व पर पौधा रोपण का विशेष महत्व है, वृक्ष हमारे जीवन के साथी तथा विकास मे वृक्षों एव हरियाली का विशेष योगदान है, हरियाली को बनाये रखने के लिए हम सब अधिक से अधिक संख्या में पौधा रोपण करें यह बात जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने हरेले मेले के उपलक्ष्य में कही।
जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में जनपद में हरेले के पर्व के उपलक्ष्य पर सभी विकास खण्डों मेें स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा रैली निकाली वहीं उनके द्वारा पौधारोपण भी किया गया। जिलाधिकारी ने हरेले मेले की शुभकामनायें देते हुये कहा कि वृक्षों से हमारा जन्म-जनमान्तर का नाता है इस अटूट रिश्ते को हमे टूटने नहीं देना है, पौधे निस्वार्थ भाव से हमें बहुत कुछ देते है, इसलिए हमें जिन्दगी मे वृक्षों का ऋणी रहना चाहिए। उन्होंने कहा हम जो भी पौंधा लगाते हैं कम से कम एक वर्ष तक उसकी देखभाल करें।