उत्तराखण्ड
गुरूद्वारा गुरू नानक पूरा प्रबंधक कमेटी के चुनाव प्रक्रिया में लगवाई रोक,,
हलद्वानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव प्रक्रिया में शिकायत कर्ता ने लगवाई रोक धार्मिक संस्थान द्वारा संचालित कमेटी में किस तरह संगत के पैसे को खुर्द पुर्ध किया जाता है हम बात करेंगे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारा गुरु नानक पूरा हलद्वानी की जो हर पांच साल के लिए चिट फंड कार्यालय द्वारा प्रपत्र के अनुसार संचालित की जा रही थी लेकिन कमेटी का कार्यकाल ,07,07,21को चिट फंड कार्यालय के प्रपत्र के अनुसार कार्यकाल समाप्त हो चुका था लेकिन कमेटी ने चिट फंड कार्यालय में दुबारा कोई प्रक्रिया नही की तथा अपने बाहुबली प्रभाव के के अनुसार एक जनरल मीटिंग बुलाकर जिसमें 2 साल के लिए कमेटी को पुनः बहाल किया गया इसको लेकर शिकायतकर्ता कमलजीत सिंह उप्पल ने एक सूचना का अधिकार लगाकर इसकी जानकारी मांगी उक्त जानकारी पर सारी चीज सामने आई की कमेटी अपने अस्तित्व में नहीं है और ना ही कमेटी द्वारा ऑनलाइन प्रक्रिया की गई जो की विधान के अनुरूप कमेटी द्वारा कार्य किए गए 2 साल अपने पद के प्रभाव का वर्चस्व दिखाकर 2 साल के लिए पुनः कमेटी गठित की गई जिसकी कॉपी चिटफंड कार्यालय को प्रेषित की गई लेकिन वह अवैध तरीके से प्रबंधक कमेटी द्वारा अपनी कमेटी बनाई गई विधान के अनुसार जो भी कमेटी का कार्यकाल होता है एवं चित फंड कार्यालय के प्रपत्र के अनुसार ही कार्य किया जाता है लेकिन ऐसा ना कर कमेटी ने सभी की आंखों में धूल जोकर अपनी कमेटी बनाई जो कि आज जनरल मीटिंग मिलकर चुनाव की प्रक्रिया को लागू करने की सिफारिश की गई लेकिन विधान में उत्तराखंड एवं संपूर्ण भारत के मताधिकार का प्रयोग का जिक्र किया गया है जिसको लेकर शिकायतकर्ता कमलजीत सिंह उप्पल द्वारा सूचना का अधिकार के तहत जानकारी मांगी लेकिन आज जनरल मीटिंग में कमेटी द्वारा यह घोषित किया गया की जो भी सदस्य होंगे वह तिकोनिया से लेकर पॉलिशीट तक ही मोहल्ला गुरुद्वारा गुरु नानकपुरा के मत का प्रयोग कर सकते हैं जबकि चिट फंड कार्यालय कार्यालय में कमेटी का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है उसके बाद भी यह प्रक्रिया की जा रही है जो सरासर अवैध है कमेटी द्वारा कमेटी द्वारा अगले चुनाव के लिए एक जनरल मीटिंग बुलाई गई 31-12 23 को कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है लेकिन चिट फंड द्वारा जारी प्रपत्र 202 1के अनुसार कार्यकाल खत्म हो चुका था कमेटी द्वारा उसे समय विधि विधान से अपने प्रपत्र को परक्रियां के तहत आवेदन किया जाना था लेकिन कमेटी द्वारा इन दो सालों में अपनी मर्जी से चुनाव कराया गया जो कि अवैध था ,जो कार्य किया गए वो नियम विरुद्ध किए हैंजो इलेक्शन होने हैं अगर किसी संस्था का रिनुअल खत्म हो जाता है तो उसके बाद चुनाव कराने का अधिकार धारा 25 के हिसाब से सिर्फ उपनिबंधक को ही है और बायोलॉजी में कमेटी द्वारा एरिया स्पष्ट नहीं किया गया है दूसरा 12 पदों में इलेक्शन होना है , बायलॉज में दर्शाया गया है, इस दौरान शिकायत कर्ता कवलजीत सिंह ने उप निबंध चिट फंड सोसाइटी एवम जिलाधिकारी , एवम नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय में अपना प्रार्थना पत्र देकर चुनाव न कराने की मांग की है उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा कोई ऑडिट रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है तथा गुरूद्वारे के लेन देन में भी कई तरह आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा चुनाव प्रक्रिया को लेकर गुरुद्वारे के नोटिस बोर्ड में सदस्यता अभियान का बैनर पोस्टर लगाया गया है जो कि नियम विरुद्ध है जो भी चुनाव प्रक्रिया है उसका अधिकार सिर्फ और सिर्फ चिट फंड सोसाइटी को की है किस तरह से प्रबंध कमेटी द्वारा नियमो की धज्जियां उड़ाने का कार्य किया गया है,