उत्तराखण्ड
भोजनमाता की मांगों को पूरा न किए जाने एवम समस्याओं के संबंध में एस०डी०एम० के माध्यम से राज्यपाल ज्ञापन प्रेषित किया,,
हलद्वानी। प्रगतिशील भोजनमाता संगठन, उत्तराखंड, नैनीताल ने भोजनमाता की मांगों को पूरा न किए जाने के विरोध में कल सभा व जूलूस का आयोजन किया था। आज अपनी समस्याओं के संबंध में एस०डी०एम० महोदय के माध्यम से राज्यपाल महोदय को ज्ञापन प्रेषित करेंगे।
एक तरफ सरकार के द्वारा उज्ज्वला गैस योजना का खुब हल्ला मचाया है। चुनाव से पहले व बाद में उज्जवला गैस योजना के सफल होने के बड़े-बड़े पोस्टर शहरों में लगाएं गये हैं। लेकिन वही दूसरी तरफ अभी तक सरकार के स्कूलों में गैस चुल्हे की व्यवस्था तक नहीं है। जिससे भोजनमाताओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पढ़ रहा है।
बच्चे कम होने की स्थिति में भोजनमाता को काम से निकाल दिया जाता है बिना इस बात की चिंता किए की जिस गरीब, विधवा व परित्यक्ता को काम से निकाल रहे हैं उसके जीवन कैसे चलेगा।
स्कूलों में चार कर्मचारियों ( सफाई कर्मचारी, माली, चौकिदार, व चतुर्थ कर्मचारी) का काम लिया जाता हैं। वही दूसरी तरफ बच्चे कम होने पर हमें काम से निकाल दिया जाता है। न तो हमारे काम का सम्मान किया जाता है और न ही सरकार द्वारा कुशल मजदूर के लिए घोषित न्यूनतम वेतन दिया जाता है।,
सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कहती है।महिलाओं के उत्थान हेतु देश भर ईजा-बैड़ी महोत्सव किए गए। लेकिन आप भोजनमाताओ की स्थिति को देखेंगे तो उनका स्कूलों में न सिर्फ शोषण हो रहा है ब्लकि वह अथाह उत्पिड़न की भी शिकार भी है। जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भोजनमाता से जा रहे काम को बेगार की संज्ञा दी।
ज्ञापन प्रेषित करने में चंपा गिनवाल, पुष्पा जलाल, पुष्पा कुड़ई, हेमा तिवारी, रजनी जोशी, नीमा आर्या, राजकुमारी,रीना, शान्ति, चन्दा आदि शामिल रही।
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