उत्तराखण्ड
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि)ने कार्बेट टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि)ने बुधवार को कार्बेट टाइगर रिजर्व का भ्रमण किया। ढिकाला रेंज पंहुचकर उन्होंने कहा की कार्बेट टाइगर रिजर्व विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को आधुनीकीकरण से जोड़ते हुए पर्यटकों हर संभव सुविधा मुहैया कराने का प्रयास किया जाए इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए की वन्यजीवों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
राज्यपाल ने कहा की वन एवं वन्यजीव उत्तराखण्ड की समृद्ध सम्पदा हैं, इन्हें बचाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस समृद्ध सम्पदा को सदैव जीवन्त रखने के हर संभव प्रयास किये जाएं। वन सम्पदा को बचाए रखने से प्राकृतिक एवं पर्यावरणीय संतुलन बना रहता है जो उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में बहुत आवश्यक है।
राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि पर्यटकों के लिए अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने पर भी विचार किया जाय। उन्होंने कहा की पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने के साथ-साथ कार्बेट क्षेत्र में ड्रोन, रिमोटली कंट्रोल्ड कैमरा, सर्विलांस उपकरण, ऑल टैरेन व्हीकल(एटीवी) आदि की संख्या बढ़ाई जाए।
भ्रमण के दौरान कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक नरेश कुमार से टाइगर रिजर्व की जानकारी प्राप्त की। निदेशक ने जानकारी दी की एशिया का इस पहले टाइगर रिजर्व में 231 बाघ सहित 1226 हाथी हैं व यहां 600 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां हैं। उन्होंने टाइगर रिजर्व के संचालन व रखरखाव के दौरान आ रही चुनौतियों, मानव संसाधन की कमी आदि की जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल ने कार्बेट टाइगर रिजर्व मंे कार्यरत कर्मचारियों से मुलाकात की और उनका हौसला बढाया। उन्होने कार्यरत कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनी।
राज्यपाल ने कर्मचारियों के लिए दुर्घटना बीमा, पेंशन, बच्चों की शिक्षा, उनके परिवारों की रहने की उचित व्यवस्था आदि बनाए जाने हेतु वन मंत्री से मुलाकात कर इन समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। भ्रमण के दौरान प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, उपनिदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व नीरज शर्मा, रेंज ऑफिसर इको टूरिज्म संजय पांडे आदि उपस्थित रहे।
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