उत्तराखण्ड
आपदा से निपटने को सर्वदलीय पहल करे सरकार: किशोर
आपदा से निपटने को सर्वदलीय पहल करे सरकार: किशोर
हल्द्वानी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तराखंड वनाधिकार मंच के संयोजक किशोर उपाध्याय ने कहा कि राज्य में आई भीषण आपदा लोगों को गहरे जख्म दे गई है। सरकार को इस तरह की आपदा से निपटने के लिए सर्वदलीय पहल करनी चाहिए। राज्य में हो रहा अनियोजित विकास और अवैज्ञानिक दोहन को रोकने की जरूरत है। किशोर ने यह बात मंगलवार को यहां पॉलीसीट काठगोदाम स्थित कैंप कार्यालय में पत्रकार वार्ता में कही।
जिले के रामगढ़ ब्लॉक में आपदा क्षेत्रों का भ्रमण करने के बाद वापस लौटे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन और लोगों को राहत देने के लिए जरा भी गंभीर नहीं दिख रही है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में आज भी लोगों को राहत सामग्री नहीं मिल पा रही है। वहां प्रभावित लोगों तक अन्न पहुंचना तो दूर पानी के लिए भी तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सिर्फ मंत्रियों और कार्यकर्ताओं का घर भरना नहीं होता, बल्कि आम लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखना तथा उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना होता है। पहले रैड़ी और अब रामगढ़ की आपदा ने आम जनमानस को झकझोर कर रख दिया है। फिर भी राज्य का आपदा प्रबंधन भगवान भरोसे है। इस बात में कोई संदेह नहीं कि सरकार यदि अब भी नहीं चेती तो आने वाला समय बहुत कष्टदायक होने वाला है। सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द राहत नीति बनाए। हैरान करने वाली बात यह कि जहां लखीमपुर खीरी में हुए हादसे कि मृतकों को सरकार 50 लाख मुआवजा दे रही है वही उत्तराखंड की आपदा में जान गंवाने वालों को यहां की सरकार दो-चार लाख में निपटाना चाहती है। मेरा कहना है कि सरकार को इस तरह के दोहरे मानक नहीं बनाई चाहिए। मेरी प्रदेश सरकार से मांग है कि आपदा में अपनी जान गवाने वालों को सरकार 50 लाख मुआवजा दे। वह इसके लिए सभी से समर्थन भी मांग रहे हैं। साथ ही प्रभावित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। जिन लोगों के मकान टूट गए हैं या खतरे की जद में हैं उनका सेल्फ एसेसमेंट करा कर मुआवजा देना चाहिए।
किशोर ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस ही जनता का विकास कर सकती है। वनाधिकार कानून से ही राज्य के लोगों को समृद्ध बना सकता है। पत्रकार वार्ता में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया, महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल, वरिष्ठ कांग्रेसी हुकुम सिंह कुंवर,सुरेश गौरी आदि