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उत्तराखण्ड

अनुपूरक बजट में आशाओ के मासिक वेतन की चर्चा न होने पर आशा वर्करों में रोष ,रीना बाला

• उत्तराखंड सरकार के अनुपूरक बजट में आशाओं के मासिक वेतन के लिए कोई बजट न होना आशाओं की उपेक्षा
•आशा वर्करों की लगातार उपेक्षा बर्दाश्त नहीं
• मुख्यमंत्री आवास खटीमा कूच का कार्यक्रम लिया जायेगा
• आशा हड़ताल के चौबीस दिन पूरे

उत्तराखण्ड की धामी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम
अनुपूरक बजट के अन्तर्गत राज्य के लिए कुल बजट घनराशि 5720.78 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसमें सभी क्षेत्रों के लिए बजट का प्रावधान किया गया है लेकिन 24 दिन से आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स के मासिक वेतन या मानदेय के लिए कोई बजट नहीं रखा गया है।
धामी सरकार द्वारा आशाओं की उपेक्षा लगातार जारी है। इसकी हम घोर निंदा करते हैं।

आशा हड़ताल और धरने के चौबीसवें दिन ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन द्वारा जारी बयान में कहा गया कि, “विधानसभा में बजट पेश करते समय ‘आशाओं का ध्यान ही न आना’ साफ दिखाता है कि इस सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। आशाएँ जब भी राज्य के मुख्यमंत्री से मिली उन्होंने मासिक वेतन पर तत्काल फैसला लेने का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक कोई घोषणा न करना और विधानसभा में पेश अनुपूरक बजट में आशाओं के वेतन के लिए बजट का प्रावधान नहीं करना साफ दिखाता है कि इस सरकार की आशाओं के शोषण को समाप्त करने की कोई इच्छा ही नहीं है।”

यूनियन ने चेतावनी देते हुए कहा कि, “यदि सरकार ने तत्काल आशाओं को मासिक वेतन देने की घोषणा नहीं की तो विधानसभा सत्र के पश्चात मुख्यमंत्री आवास खटीमा कूच का कार्यक्रम लिया जायेगा।”

आज के धरने में रिंकी जोशी, रीना बाला, भगवती बिष्ट, शांति शर्मा, पुष्पलता, अनुराधा, गीता, कमला, नीमा आर्य, पुष्पा आर्य, किरन, ममता, जरीन, भगवती, पूनम, गंगा , दीपा, रजनी, मंजू, चम्पा, बसंती, यास्मीन, सरिता, रेनू, रेखा, हेमा, प्रीति, बिमला आदि शामिल रहीं।,

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