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उत्तराखण्ड

राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं में बैंकर्स उदार होकर ऋण वितरित करना सुनिश्चित करें

बागेश्वर

राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ऋण योजनाओं में बैंकर्स उदार होकर ऋण वितरित करना सुनिश्चित करें ताकि अधिक से अधिक बेरोजगार योजनाओं का लाभ उठाकर स्वरोजगार अपना सकें, यह बात जिलाधिकारी रीना जोशी ने कलैक्ट्रेट सभागार में उद्योग विभाग द्वारा संचालित  सरकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक लेते हुए कही। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा स्वीकृत प्रार्थना पत्रों पर ऋण स्वीकृत करना है या नहीं करना है बैंकर्स शीघ्रता से निर्णय लें, प्रार्थना पत्रों को अनावश्यक लम्बित न रखें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में लक्ष्य निर्धारित होते है, इसलिए बैंकर्स केसीसी, होम स्टे, स्वयं सहायता समूहों, अन्य रोजगारपरख योजनाओं में ऋण देकर ऋण जमा अनुपात बढायें, इसके लिए छोटे-छोटे ऋण तुरंत देना सुनिश्चित करें। उन्होंने महाप्रबंधक उद्योग व अग्रणी बैंक अधिकारी को निर्देश दिये कि वे बैंकों से नियमित समन्वय करते हुए प्रार्थना पत्रों पर ऋण वितरित करायें ताकि विभिन्न योजनाओं में निर्धारित लक्ष्यों को समय से प्राप्त किया जा सके। 
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के समीक्षा के दौरान महाप्रबंधक उद्योग जीपी दुर्गापाल ने बताया कि कोविड-19 के कारण देश के दूसरे शहरों में रोजगार कर रहे प्रवासियों की बढ़ी संख्या में वापसी हुर्इ, जिस कारण उनके समक्ष रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी थी, जिससे निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आरम्भ की। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 119 तथा विगत वर्ष 2021-22 में 380 लोगों को ऋण प्रदान कर योजना से लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में जनपद को 400 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, अब तक योजनान्तर्गत 158 ऋण प्रार्थना पत्र विभिन्न बैंकों को भेजे गये है, बैंकों द्वारा 42 प्रार्थना पत्रों पर ऋण स्वीकृत करते हुए 31 प्रार्थना पत्रों पर ऋण वितरित किया गया है, जबकि बैंकों द्वारा 24 प्रार्थना पत्र अस्वीकृत किये गये है, अभी भी बैंकों के स्तर पर 92 प्रार्थना पत्र लम्बित है। इसी तरह मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (नैनो) के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष में 600 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, लक्ष्य के सापेक्ष 193 लाभार्थियों के प्रार्थना पत्र बैंको को भेजे गये है, बैंको द्वारा 69 स्वीकृत कर 44 प्रार्थना पत्रों पर ऋण वितरित किया गया है, बैंकों द्वारा 15 प्रार्थना पत्र अस्वीकृत किये गये है जबकि 109 प्रार्थना पत्र बैंक स्तर पर लम्बित है। भारत सरकार की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना देश के बेरोजगार युवाओं को अपना खुद का उद्योग, रोजगार शुरू करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा यह योजना आरम्भ की गयी है, जिसमें युवाओं को सेवा क्षेत्र में 20 लाख तथा उत्पादन क्षेत्र मंप 50 लाख तक ऋण की सुविधा प्रदान की गयी है। योजना के अन्तर्गत 156 प्रार्थना पत्र विभिन्न बैंकों को प्रेषित किये है, बैंकों द्वारा 45 प्रार्थना पत्रों पर ऋण स्वीकृत करते हुए मात्र 20 प्रार्थना पत्रों पर ऋण वितरित किया गया है। बैंकों द्वारा 35 प्रार्थना पत्र अस्वीकृत किये है, जबकि बैंकों के स्तर पर 76 प्रार्थना पत्र आतिथि तक लम्बित है, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि बैंकों को भेजे गये प्रार्थना पत्रों के सापेक्ष बैंकों द्वारा बहुत कम प्रार्थना पत्रों पर ऋण वितरित किया है, यह चिन्तनिय है। उन्होंने बैंकर्स को निर्देश दिये कि वे प्रार्थना पत्रों पर ऋण स्वीकृत करना है या नहीं करना है बैंकर्स शीघ्रता से निर्णय लें, प्रार्थना पत्रों को अनावश्यक लम्बित न रखें।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, लीड बैंक अधिकारी एन.आर.जोहरी, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी केएस कम्र्याल, प्रबंधक यूजीबी धनी लाल, एसबीआर्इ अमित कुमार चौधरी, यूको बैंक अशोक डीएस मेहरा, आर्इडीबीआर्इ अनिल कुमार, बैंक आफ इण्डिया विपिन राणा, बैंक आफ बडौदा शुभम शर्मा, पीएमबी अर्जुन सिंह, आर्इओबी कुलदीप, एचडीएफसी अनिरूद्ध गंगोला, एक्सस बैंक दिगविजय सिंह, नैनीताल बैंक आदित्य सिंह, कुमांचल बैंक सुशील शाह, सेंट्रल बैंक अभिनाष, केनरा बैंक नीरज उपाध्याय, अल्मोड़ा जिला सहकारी बैंक यधुवीर बिष्ट, इण्डियन बैंक भावेश प्रसाद, अल्मोड़ा अर्बन बैंक ललित जोशी आदि मौजूद थे

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